New Delhi: Rahul Gandhi: संसद की नई इमारत और व्यवस्थाओं ने सांसदों और पूर्व सांसदों के बीच एक स्पष्ट विभाजन को जन्म दिया है.
पूर्व सांसदों के लिए अलग से एक जगह निर्धारित: Rahul Gandhi
नई व्यवस्था के तहत पूर्व सांसदों के लिए अलग से एक जगह निर्धारित की गई है जिससे उनका सीधा संपर्क वर्तमान सांसदों से कम हो गया है. यह बदलाव संसद को आधुनिक और संगठित बनाने के उद्देश्य से किया गया है लेकिन इसके साथ ही यह विवाद और असंतोष भी लेकर आया है.
Rahul Gandhi प्रधानमंत्री पद संभाल सकते हैं
राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालने के बाद से कांग्रेस के अंदर एक नई ऊर्जा देखी जा रही है. उनकी नेतृत्व शैली और कठिन परिश्रम ने उन्हें पार्टी के भीतर एक प्रमुख भूमिका में ला खड़ा किया है और पार्टी के समर्थक मानते हैं कि यदि इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलता है तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद संभाल सकते हैं.
हालांकि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच इस बारे में एकमत नहीं है. ममता बनर्जी ने इस पर संदेह जाहिर किया है और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी संकेत दिया है कि अन्य विकल्पों पर विचार किया जा सकता है. हाल ही में जब अखिलेश यादव से शैडो केबिनेट के संभावित नामों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उल्टा सवाल किया कि शैडो प्रधानमंत्री के प्रस्ताव के बारे में क्या विचार है.
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इस प्रकार संसद की नई इमारत और व्यवस्था के साथ-साथ राहुल गांधी के नेतृत्व की संभावनाओं ने राजनीतिक परिदृश्य में नई बहसों और चुनौतियों को जन्म दिया है.
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