HeadlinesJharkhandPoliticsStatesTrending

Jharkhand में नेता प्रतिपक्ष की दौड़, 4 प्रमुख नाम चर्चा में

Jharkhand में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नई सरकार के गठन के बाद विधानसभा सत्र की शुरुआत होगी, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने 21 विधायकों में से नेता प्रतिपक्ष का चयन करेगी।

Jharkhand News: बाबूलाल मरांडी प्रबल दावेदार

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जो पहले भी विधायक दल के नेता रह चुके हैं, इस बार नेता प्रतिपक्ष के लिए प्रमुख उम्मीदवार माने जा रहे हैं। हालांकि, पिछले कार्यकाल में झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के टिकट पर चुनाव लड़ने के कारण उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला था। इस बार भाजपा के टिकट से चुने गए मरांडी के पास मजबूत मौका है।

Jharkhand News: आदिवासी नेता को मौका देने की संभावना

भाजपा विधानसभा में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के सामने एक आदिवासी चेहरा पेश करना चाहती है। चंपई सोरेन, जो झामुमो छोड़कर भाजपा में आए थे और एकमात्र आदिवासी सुरक्षित सीट से जीते हैं, भी इस पद के लिए संभावित उम्मीदवार हैं। चंपई सोरेन झामुमो पर बार-बार अपमान का आरोप लगाते रहे हैं और चुनाव के बाद बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ आंदोलन की बात कह चुके हैं।

Jharkhand Politics: अन्य विकल्प, सीपी सिंह और नीरा यादव

अगर भाजपा आदिवासी चेहरे के बजाय अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता देती है, तो सीपी सिंह एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। लंबे समय से विधायक और सदन में मुखर रहने वाले सीपी सिंह का नाम सामान्य जाति के उम्मीदवार के रूप में उभरता है।

ओबीसी और महिला प्रतिनिधित्व पर ध्यान देने की स्थिति में कोडरमा से तीसरी बार विधायक चुनी गईं नीरा यादव भी दावेदारी में हैं।

सदन में नए चेहरों पर निर्भरता

भाजपा के कई प्रमुख नेता, जो पिछले विधानसभा सत्र में सक्रिय थे, इस बार चुनाव हार गए हैं। इनमें नेता प्रतिपक्ष रहे अमर कुमार बाउरी, सचेतक बिरंची नारायण, अनंत ओझा, रणधीर सिंह, और भानु प्रताप शाही शामिल हैं। ऐसे में पार्टी को सदन में प्रभावी माहौल बनाने के लिए नए विधायकों पर निर्भर रहना होगा।

नए चेहरों की जिम्मेदारी

सत्येंद्र तिवारी और प्रकाश राम पर इस बार सरकार को चुनौती देने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। वहीं, जमुआ से जीतकर आईं उच्च शिक्षित मंजू देवी को भी सदन में मुखर भूमिका निभाने का मौका दिया जा सकता है।

भाजपा के सामने चुनौती यह है कि वह अनुभव और युवा ऊर्जा के बीच संतुलन बनाते हुए सदन में एक प्रभावी नेता प्रतिपक्ष का चयन करे।

 

यह भी पढ़े: Hemant Soren के शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर, शामिल होंगे कई बड़े नेता

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button