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Tej Pratap Yadav ने बनाई नई पार्टी, “टीम तेजप्रताप”; महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान, पीली टोपी और गमछा किया लॉन्च

बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर करते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे Tej Pratap Yadav ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी “टीम तेजप्रताप” का गठन कर दिया है।

शनिवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने खुद को महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में घोषित किया। यह मंच खास तौर पर युवाओं को केंद्र में रखकर उनकी आवाज उठाने का वादा करता है।

Tej Pratap Yadav: नई पार्टी “टीम तेजप्रताप” की घोषणा

तेजप्रताप यादव ने साफ तौर पर कहा कि यह नया राजनीतिक प्लेटफॉर्म युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगा। टीम तेजप्रताप युवा सोच, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवा को अपनी प्राथमिकता बनाएगी। उन्होंने बताया कि जो उम्मीदवार इन मुद्दों पर जोर देंगे, वही अगली सरकार बनाने में सफल होंगे।

Tej Pratap Yadav: युवाओं की उम्मीदों के अनुसार राजनीति

बीजेपी और जदयू के प्रभावी नेतृत्व वाला बिहार अब युवाओं के बदलाव की उम्मीद करता है। तेजप्रताप ने अपने चाचा और जदयू नेता नीतीश कुमार पर भी तंज कसते हुए कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि चाचा इस बार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। बिहार के युवा अब बदलाव चाहते हैं।”

Tej Pratap Yadav: कुछ लोगों को हो रही है खुजली

महुआ सीट से चुनाव लड़ने की अपनी पुरानी घोषणा को फिर दोहराते हुए तेजप्रताप यादव ने विरोधियों को चुनौती दी, “कुछ लोगों को हमारी सक्रियता से खुजली हो रही है। वे गाल खुजलाते रहें, हम जनता के बीच रहेंगे।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस का आकर्षक पल: पीली टोपी और गमछा

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजप्रताप पहली बार पीली टोपी पहनकर मीडिया के सामने आए, जो अब तक राजद के पारंपरिक हरे रंग की टोपी से अलग थी। रंग बदलने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने जवाब दिया, “टीम तेजप्रताप के झंडे में हरा और पीला दोनों रंग हैं। यही हमारी विचारधारा और ऊर्जा का प्रतीक है।” उन्होंने इस मौके पर गमछे का भी शुभारंभ किया।

तेजप्रताप यादव की यह नई राजनीतिक पहल बिहार की सियासी जमीन पर एक नई ऊर्जा और चर्चा लेकर आयी है। उनकी युवा केंद्रित सोच और स्वतंत्र राजनीति ने राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। अब देखना यह होगा कि आगामी चुनाव में टीम तेजप्रताप का कितना प्रभाव पड़ता है।

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी पर सियासी हलचल, क्या Nishant Kumar बनेंगे जेडीयू की नई उम्मीद?

 

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