रांची: Bandhu Tirkey: झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है पेसा कानून से झारखण्ड की ज़मीनी स्थिति में बदलाव संभव है लेकिन इसके लिये जरूरत इस बात की है कि ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि भी ईमानदार, जागरूक और समर्पित के प्रति समर्पित बनें.
6 अक्टूबर (शुक्रवार) को पेसा अधिकारी यात्रा का आयोजन किया गया: Bandhu Tirkey
श्री तिर्की ने सभी लोगों से अपील की है कि आम लोगों विशेषकर ग्रामीणों को पेसा कानून के संदर्भ में जागरूक करने के लिये अगले 6 अक्टूबर (शुक्रवार) को पेसा अधिकारी यात्रा का आयोजन किया गया है जिसमें न केवल लोगों को इस बात की जानकारी दी जायेगी कि पेसा कानून को लागू करवाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका रही है बल्कि इस क़ानून से लोगों को मिलनेवाले फायदे की भी जानकारी दी जायेगी.
सरकार को शीघ्र ही आवश्यक वैधानिक प्रक्रियाओं को पूरा कर पेसा कानून को लागू करना चाहिये: Bandhu Tirkey
उन्होंने कहा कि यह यात्रा सुबह साढ़े दस बजे मोरहाबादी मैदान से प्रारम्भ होने के बाद राजधानी के कोकर स्थित धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा के समाधि स्थल तक जायेगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखण्ड सरकार द्वारा पेसा कानून के नियमावली को मंजूरी देने के बाद अब सरकार को शीघ्र ही आवश्यक वैधानिक प्रक्रियाओं को पूरा कर पेसा कानून को लागू करना चाहिये.
पेसा नियमावली के अनुरूप पेसा कानून का फायदा झारखण्ड के लोगों को मिले: Bandhu Tirkey
श्री तिर्की ने कहा कि विशेष रूप से जनजातीय समुदाय और मूलवासियों के लिये यह बहुत जरूरी है कि सरकार द्वारा स्वीकृत पेसा नियमावली के अनुरूप पेसा कानून का फायदा झारखण्ड के लोगों को मिले. इससे ग्रामीणों की विकास संबंधी ज़रूरतें पूरी होगी और जमीन के साथ ही उपलब्ध सभी संसाधनों की लूट भी रोकी जा सकेगी.
अब ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि भी अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे: Bandhu Tirkey
श्री तिर्की ने कहा कि पेसा कानून से ग्रामीण क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. श्री तिर्की ने सरकार से अनुरोध किया है कि झारखण्ड का गठन यहाँ के लोगों की आकांक्षाओं, जरूरतों और उनके सपनों को पूरा करने के लिये किया गया था और इसके लिये आवश्यकता इस बात की कि राज्य सरकार पेसा कानून को जल्दी लागू करे. श्री तिर्की ने विश्वास व्यक्त किया कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि भी अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे.