
रांची: AJSU : झारखंड आंदोलन के प्रणेता स्व. बिनोद बिहारी महतो की 102वीं जयंती और उनके पुत्र स्व. राजकिशोर महतो की जयंती आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई।
झारखंड आंदोलन को दिशा देने वाले, अलग राज्य आंदोलन के पुरोधा स्व• बिनोद बिहारी महतो जी की जयंती पर कोटिश: नमन। 🙏
झारखंड के वीर शहीद अमर रहे।
बिनोद बिहारी महतो अमर रहे। pic.twitter.com/h5FVlgpEXP— Sudesh Mahto (@SudeshMahtoAJSU) September 23, 2025
इस अवसर पर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने दोनों नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और वर्तमान राज्य सरकार पर उनके आदर्शों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
‘पढ़ो और लड़ो’ का संदेश आज भी प्रासंगिक: AJSU
सुदेश कुमार महतो ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो ने ‘पढ़ो और लड़ो’ जैसे क्रांतिकारी नारे के साथ झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी थी। उनका संघर्ष सिर्फ राज्य बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि एक समानतापूर्ण और बौद्धिक झारखंड का निर्माण करना उनका सपना था। सुदेश महतो ने कहा कि आज भी यह संदेश युवाओं के लिए शिक्षा और जागरूकता का सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत है।

उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार जबरन विस्थापन, रोजगार की कमी और सरना धर्म कोड, पेसा कानून व एसटी वर्ग के अधिकारों पर मौन है, जो सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
रोजगार और कोटशिला प्रकरण पर सवाल: AJSU
सुदेश महतो ने सरकार पर युवाओं से किए गए रोजगार के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2019 में 25 लाख रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक 10 हजार पदों पर भी नियुक्ति नहीं हुई है।
उन्होंने हाल ही में कोटशिला में हुए रेल टेका आंदोलन के दौरान बंगाल पुलिस की बर्बरता की कड़ी निंदा की। उन्होंने बताया कि जब वह पीड़ितों से मिलने जा रहे थे तो उन्हें पश्चिम बंगाल प्रशासन ने रोक दिया था। उन्होंने इस घटना को लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन बताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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