झारखंड में Cyber Crime का नया चेहरा, कंबोडिया से ऑपरेट कर रहा मानव तस्कर गैंग
Ranchi: झारखंड में Cyber Crime के मामले में एक नई और गंभीर जानकारी सामने आई है. झारखंड की सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने पाया है कि एक मानव तस्करी करने वाला गैंग कंबोडिया से संचालित हो रहा है.
🚨 CID Jharkhand arrests illegal agents trafficking victims to scam compounds in #Cambodia. @MEAIndia @HMOIndia @JharkhandPolice pic.twitter.com/2DIaegRxUb
— Cyber Dost (@Cyberdost) August 8, 2024
इस गैंग का सरगना उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का निवासी है और वर्तमान में कंबोडिया और मलेशिया से अपने गिरोह को नियंत्रित कर रहा है जो झारखंड उत्तर प्रदेश और बिहार में सक्रिय है.
गैंग के सदस्य बेरोजगार युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. गिरोह के प्रमुख वसीम खान और यमुना कुमार ने बताया कि युवाओं को कंबोडिया थाईलैंड और दुबई भेजने का वादा कर उन्हें 50 हजार से एक लाख रुपए की अच्छी सैलरी का लालच दिया जाता है. अब तक ये लोग बिहार और झारखंड से एक दर्जन से अधिक युवाओं को फर्जी नौकरी के नाम पर विदेश भेज चुके हैं.
विदेश पहुंचने के बाद युवाओं के पासपोर्ट और वीजा को जब्त कर लिया जाता है और उन्हें साइबर क्राइम का प्रशिक्षण दिया जाता है. जो भी युवा इसका विरोध करता है उसे बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता है. झारखंड और बिहार में इस गिरोह के आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य सक्रिय हैं और साइबर क्राइम ब्रांच उनकी तलाश में जुटी हुई है.
Cyber Crime: सोशल मीडिया पर चलते हैं फर्जी विज्ञापन
गैंग सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन चलाकर युवाओं को आकर्षित करता है. ये विज्ञापन विदेश में कॉल सेंटर में नौकरी के वादे के साथ भ्रामक सुविधाएं भी प्रदान करते हैं. जो युवा झांसे में आकर संपर्क करते हैं उनके पासपोर्ट को जब्त कर लिया जाता है और टिकट-वीजा के नाम पर दो से ढाई लाख रुपए की रकम वसूली जाती है.
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पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इस मानव तस्कर गिरोह के पास कंबोडिया और थाईलैंड में पूरी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध हैं और वहां पर एक विशेष स्थान पर युवाओं को रखा जाता है जहां निजी सुरक्षा भी मौजूद होती है. साइबर क्राइम ब्रांच अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है और इस घिनौने नेटवर्क को खत्म करने के लिए प्रयासरत है.
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