Patna: NEET-UG परीक्षा में धांधली के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस परीक्षा में पेपर लीक होने के आरोप लगाए गए हैं और कई लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
पिता लालू यादव – चारा घोटाला, पुत्र तेजस्वी यादव – NEET पेपर घोटाला। पूरा परिवार घोटालों से भरा हुआ है। pic.twitter.com/s26yuOV0Pi
— Vijay Kumar Sinha (@VijayKrSinhaBih) June 20, 2024
NEET-UG का पेपर लीक करने वाली गैंग के सदस्य पटना के एक गेस्ट हाउस में रुके थे
इस संदर्भ में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम जोड़कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. विजय सिन्हा ने आरोप लगाया है कि नीट-यूजी का पेपर लीक करने वाली गैंग के सदस्य पटना के एक गेस्ट हाउस में रुके थे जिसकी बुकिंग तेजस्वी यादव के निजी सचिव ने कराई थी. इसके साथ ही बुकिंग के दौरान तेजस्वी यादव के लिए ‘मंत्री’ शब्द का इस्तेमाल किया गया था.
विजय सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कई दस्तावेज और कॉल डिटेल्स पेश करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के निजी सचिव प्रीतम कुमार ने 1 मई को रात 9:07 बजे पथ निर्माण विभाग में कार्यरत प्रदीप कुमार को फोन कर कमरे की बुकिंग के लिए संपर्क किया था. जब इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया तो 4 मई को सुबह 8 बजे फिर से प्रीतम कुमार ने प्रदीप कुमार को फोन किया और कनिष्ठ अभियंता को वॉट्सऐप पर मेसेज भेजा गया.
विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है और अब तक पेपर लीक के आरोपों में और अधिक सबूत मिले हैं. उन्होंने कहा “हम जानकारी जुटा रहे हैं. वही गेस्ट हाउस में जिन लोगों को पकड़ा गया और उनका जिसे संबंध है उनमें से एक प्रीतम है. बताया जा रहा है कि प्रीतम का संबंध सीधे तेजस्वी यादव से है. इस मामले में अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है. इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. हमें यह जानना होगा कि गेस्ट हाउस का किस मंत्री और किन लोगों ने इस्तेमाल किया.”
“मैंने जारी कर दी है चेतावनी”- विजय सिन्हा
विजय सिन्हा ने कहा कि उन्होंने अपने विभाग में चेतावनी जारी कर दी है और जिन लोगों के कहने पर कमरे की बुकिंग हुई उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सोच अपराध को पालने, ट्रेनिंग देने और अपराधियों को बढ़ावा देने की है. उच्च स्तरीय की जांच होने पर पूरा मामला सामने आ जाएगा. वहीं आरजेडी ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि इस तरह के बयान ध्यान भटकाने के लिए दिए जा रहे हैं ताकि लोगों का ध्यान पेपर लीक मामले से हट जाए.