New Delhi: Narendra Modi 9 जून रविवार को शाम 7 बजकर 15 मिनट के बाद तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन सवाल यह उठता है कि नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के लिए यह समय क्यों चुना है?
Took oath as Prime Minister at the ceremony earlier this evening. I look forward to serving 140 crore Indians and working with the Council of Ministers to take India to new heights of progress. pic.twitter.com/xx1e5vUP1G
— Narendra Modi (@narendramodi) June 9, 2024
इस सवाल का सबसे अच्छा जवाब ज्योतिष विज्ञान से मिल सकता है. तो आइए ज्योतिष की दृष्टि से जानें कि शपथ ग्रहण के लिए शाम 7 बजकर 15 मिनट के बाद का समय ही क्यों चुना गया है.
Narendra Modi का शपथ ग्रहण और राहुकाल
इस बार नरेंद्र मोदी के साथ टीडीपी के सांसद भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। दक्षिण भारत में राहुकाल के समय को शुभ कार्यों के लिए बहुत अशुभ माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ज्योतिष और धर्म में गहरा विश्वास रखते है इसलिए वे शपथ ग्रहण के लिए राहुकाल का समय चुनना पसंद नहीं करेंगे. रविवार के दिन शाम 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक का समय राहुकाल होता है. इसलिए राहुकाल के बाद का समय यानी 6 बजे के बाद का मुहूर्त शपथ ग्रहण के लिए चुना गया है.
वृश्चिक लग्न में लेंगे शपथ
Narendra Modi के शपथ ग्रहण में एक खास रहस्य छिपा है.पिछली बार की तरह इस बार भी वे वृश्चिक लग्न में शपथ लेंगे। ज्योतिष शास्त्र में वृश्चिक लग्न को स्थिर और स्थायित्व देने वाला माना जाता है. इस लग्न में शपथ लेने से कार्यों में स्थिरता और निरंतरता बनी रहती है. साथ ही वृश्चिक लग्न को गुप्त और सूक्ष्म रूप से कार्य करने का प्रतीक भी माना जाता है. इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी ने रविवार 9 जून को शाम 7 बजकर 15 मिनट के बाद शपथ ग्रहण का समय चुना है.