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Modi-Putin: भारत-रूस साझेदारी को नई गति,  दिल्ली पहुंचे राष्ट्रपति पुतिन, पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर किया विशेष स्वागत

नई दिल्ली: Modi-Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन के विशेष दौरे पर भारत पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं एयरपोर्ट पहुंचकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति के बीच भारत-रूस संबंधों को नई मजबूती देने का अवसर मानी जा रही है। जैसे ही पुतिन का विमान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा प्रधानमंत्री मोदी ने परंपरागत भारतीय शैली में उनका स्वागत किया और गले लगाकर दोनों देशों की पुरानी दोस्ती का प्रतीकात्मक संदेश दिया।

Putin-PM Modi: भारत-रूस साझेदारी को नई गति,  दिल्ली पहुंचे राष्ट्रपति पुतिन, पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर किया विशेष स्वागत
Putin-PM Modi: भारत-रूस साझेदारी को नई गति,  दिल्ली पहुंचे राष्ट्रपति पुतिन, पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर किया विशेष स्वागत

Modi-Putin: ऐतिहासिक रिश्तों को नए स्वरूप में ढालने की तैयारी

भारत और रूस के बीच लगभग आठ दशकों से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी हमेशा बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में स्थिर और विश्वसनीय रही है। रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, व्यापार और कूटनीति—हर मोर्चे पर दोनों देशों का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। पुतिन की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य इन संबंधों को आधुनिक परिस्थितियों के अनुरूप और गहरा बनाना है। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेता रक्षा उत्पादन में सहयोग, परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं, ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और व्यापार विस्तार जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

एयरपोर्ट पर Modi-Putin बॉन्डिंग, साझा कार में सफर से दिया अहम संकेत

 

पुतिन के भारत आगमन के कुछ ही मिनट बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठकर राजघाट होते हुए हाइड्रabad House तक पहुंचे। अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल में यह शैली तभी अपनाई जाती है जब दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास और व्यक्तिगत समीकरण हो। विशेषज्ञों का मानना है कि साझा कार यात्रा भारत और रूस की “टाइम-टेस्टेड फ्रेंडशिप” का संदेश वैश्विक समुदाय को भेजने का एक प्रतीकात्मक तरीका है।

 

जटिल भू-राजनीतिक माहौल में भारत-रूस संबंधों का महत्व

विश्व में चल रहे संघर्ष, ऊर्जा संकट, बदलते गठबंधन और एशिया में शक्ति-संतुलन के बीच भारत और रूस के संबंध अंतरराष्ट्रीय रणनीति में विशेष महत्व रखते हैं।

भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को समर्थन देता है वहीं रूस के साथ सहयोग उसे रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में विशेष लाभ देता है। विशेष रूप से

  • S-400 मिसाइल सिस्टम
  • ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना
  • परमाणु संयंत्र (कुडनकुलम)
  • रूसी कच्चे तेल की खरीद

इन क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद अब तक अडिग रहा है।

 

Modi-Putin: दौरे के दौरान संभावित समझौते और वार्ता के विषय

पुतिन और मोदी की इस मुलाकात के एजेंडे में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं जिनमें:

  •  भारत में रक्षा उपकरणों की स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग पर जोर
  • भारत-रूस ऊर्जा कॉरिडोर का विस्तार
  • व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य
  • साइबर सुरक्षा और स्पेस सहयोग
  • भारत में रूसी निवेश बढ़ाने की रणनीति
  • वैश्विक संकटों पर संयुक्त दृष्टिकोण

इन विषयों पर महत्वपूर्ण समझौतों की घोषणा सम्भव है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब दुनिया कई भू-राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे माहौल में भारत-रूस संबंधों की स्थिरता और गहराई दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुतिन को गले लगाकर स्वागत करना इस दोस्ती के अगले अध्याय की मजबूत शुरुआत प्रतीत होता है।

 

 

 

 

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