Ranchi: Sudesh Mahto: आज़ादी के बड़े आंदोलनों में से एक हूल क्रांति के महानायक सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो के उद्देश्यों को राज्य सहित पूरे देश के लोगों को आत्मसात करने की जरूरत है।
हूल जोहार!
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह के प्रतीक हूल दिवस के अवसर पर आज रांची स्थित सिदो-कान्हू पार्क में अमर शहीद सिदो-कान्हू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
वीर शहीद सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो अमर रहे!
जय झारखंड🙏#हूल_दिवस pic.twitter.com/IADG6VKij0
— Sudesh Mahto (@SudeshMahtoAJSU) June 30, 2023
अमर शहीदों की गाथा को उच्चतम स्तर पर ले जाने का प्रयास जारी है: Sudesh Mahto
उनके विचारों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन कर अमर शहीदों की गाथा को उच्चतम स्तर पर ले जाने का प्रयास जारी है। इस लड़ाई के बारे में देश के हर नागरिक को विस्तार से जानने और समझने की आवश्यकता है। उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष श्री सुदेश कुमार महतो ने रांची स्थित सिदो-कान्हू पार्क में संथाल हूल के महानायक सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के दौरान कही।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि उस समय के ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्हें अभी तक उचित सम्मान नहीं मिल पाया है। कोलकाता के रिसर्च सेंटर ने उस वक़्त की लड़ाई में शामिल दस स्वतंत्रता सेनानियों के नाम जारी किए हैं जिससे साफ होता है कई लोग और कई समाज संगठित रूप से इस लड़ाई में शामिल थें।
वर्तमान सरकार शहीद और उनके परिवार को उचित सम्मान देने में असफल: Sudesh Mahto
सरकार को इन सभी लोगों को बराबर की मान्यता देने और ऐसे स्वतंत्रता सेनानी जिनके नाम अभी तक सामने नहीं आ पाए हैं उनके नाम सामने लाने के लिए एक विशेष शोध टीम तैयार कर अध्ययन करवाना चाहिए ताकि हम इन नेतृत्वकर्ताओं को धरोहर की तरह स्थापित कर पाएं। वर्तमान सरकार शहीद और उनके परिवार को उचित सम्मान देने में असफल है।
कुछ दिन पहले एक शहीद की 7वीं पीढ़ी अपने आजीविका के लिए मुख्यमंत्री को आवेदन दिया है जो बिल्कुल सही नहीं, अभी तक उन्हें उचित सम्मान मिल जाना चाहिए था। ऐसी स्थिति चिंताजनक है।
यह भी पढ़े: Tabrez Ansari की हत्या के 4 साल बाद 10 आरोपी दोषी करार; सजा 5 जुलाई
यह चिंतन करने का वक्त है: Sudesh Mahto
उन्होंने कहा कि सालों के त्याग, बलिदान, तपस्या और अनगिनत शहादतों के बाद हमें झारखंड अलग राज्य मिला। लेकिन अलग राज्य आंदोलन की लड़ाई के पीछे जो मुद्दे थे, जो सोच थी, जो सपने थे-क्या वो पूर्ण हुए? क्या हम उन वीर योद्धाओं के सपनों का झारखंड बना पाए? यह चिंतन करने का वक्त है। युवाओं से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत से युवा पीढ़ी प्रेरणा ले तथा राज्य को नई दिशा देने में सकारात्मक भूमिका अदा करें।
हूल दिवस के अवसर पर पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष एवं गिरिडीह लोकसभा सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी ने रामगढ में, उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने चंदनकियारी में, प्रधानमहासचिव एवं पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने घाटशीला में, महासचिव एवं विधायक, गोमिया विधानसभा ने गोमिया में साथ ही आजसू पार्टी के सभी केंद्रीय पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, प्रखंड पदाधिकारी, तथा सभी अनुषंगी इकाई के पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर संताल हूल के महानायकों को नमन किया एवं उनकी संघर्ष गाथा पर प्रकाश डाला।
सिदो-कान्हू पार्क में शहीद सिदो-कान्हू के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया
रांची में सिदो-कान्हू पार्क में शहीद सिदो-कान्हू के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। जिसमें मुख्य केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, आजसू बुद्धिजीवी मंच के रांची जिलाध्यक्ष डॉ मुकुंद चंद्र मेहता, रांची जिलाध्यक्ष संजय महतो, भरत काशी, अंचल किंगर, राजेंद्र शाही मुण्डा, बनमाली मंडल, पारसनाथ उरांव, सीमा सिंह, गौतम सिंह, सुनिल यादव, बंटी यादव, रमेश गुप्ता, बिरेंद्र प्रसाद, नेहा, जब्बार अंसारी, ओम वर्मा, नीरज वर्मा, टी के मुखर्जी इत्यादि पार्टी पदाधिकारी, नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।