Ranchi: Bandhu Tirkey: डोमिसाइल स्थानीयता आंदोलन में अपने हक,अधिकार एवं अस्तित्व की लड़ाई में 24 जुलाई को अपने प्राण की आहुति देने वाले शहीद कैलाश कुजुर, विजय तिग्गा, संतोष कुंकल के शहादत् स्थल त्रिमूर्ति चौक मेकॉन कॉलोनी डोरंडा में इनकी 21 पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
इनकी शहादत आने वाले नसलों के लिए एक प्रेरणा है: Bandhu Tirkey
जो इतिहास के पन्नों में सुनारे शब्दों में लिखा जाएगा इन्होंने झारखंड के आदिवासी मूलवासी के अधिकार को दिलाने के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी।
इस मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में लक्ष्मीनारायण जगदीश, जगदीश लोहरा ,अजय कच्छप, शिवा कच्छप,अरविंद बाखला, राजू महतो विनय् बागे, सविता हुजूर,विजय शंकर नायक,आशीष लफड़ा, रोशन तिर्की शामिल हुए सभा का संचालन संजय कच्छप ने किया।