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Maoists के परिजनों ने लगाया फर्जी मुठभेड़ का आरोप

Ranchi: पुलिस माओवादी (Maoists) मुठभेड़ में पांच इनामी माओवादियों का एनकाउंटर करने पर एक और जहां पुलिस के हौसले बुलंद हुए हैं वहीं मारे गए नक्सलियों के परिजनों ने इसे एक फर्जी मुठभेड़ का नाम दिया है.

Maoists Encounter: केस की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी करेंगे

माओवादीयों के परिजनों का कहना है कि पांचों नक्सलियों को मुठभेड़ में मारे जाने का पुलिस का दावा फर्जी है. इस केस को लेकर वे मानवाधिकार आयोग व कोर्ट की शरण में जाएंगे. इसके साथ ही इस केस की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग भी करेंगे.

Maoists Encounter: सोमवार की सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को ढेर किया था

माओवादी सरेंडर करना चाहते थे परंतु पुलिस ने सभी को पकड़कर गोली मार दी. सदर अस्पताल में मंगलवार की सुबह पोस्टमार्टम के पश्चात शव लेने पहुंचे परिजनों ने यह आरोप सुरक्षा बल पर लगाया है. ज्ञात हो कि चतरा जिले के लावा लॉन्ग थाना इलाके के नोडिहा जंगल में सोमवार की सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को ढेर किया था.

Maoists Family फर्जी एनकाउंटर का लगाया आरोप

25 लाख के इनामी माओवादी गौतम पासवान की पत्नी मनोरमा देवी ने बताया कि उसके पति का एनकाउंटर नहीं किया गया बल्कि उसे बांधकर मारा गया है इसके साथ ही सरेंडर करने के पश्चात सुरक्षा बल ने उन्हें बांधकर सिर में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. पुलिस ने धोखा देकर इस घटना को अंजाम दिया है. यदि मुठभेड़ होती तो दोनों तरफ से गोली चलती यहां तो केवल एक तरफा कार्रवाई हुई है.

मानवाधिकार आयोग में केस करेंगे एवं इस घटना की जांच करवाएंगे. वे सरेंडर करने की कोशिश में लगे हुए थे. मृत की पुत्री प्रियंका देवी ने बताया कि पिता ने पुलिस के आगे सरेंडर किया था परंतु इसके बाद भी पुलिस ने धोखा देकर उन्हें गोली मार दी. इससे पूर्व रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटा गया.

बड़े पुत्र चंदन कुमार ने बताया कि फर्जी एनकाउंटर करके उसके पिता को मारा गया है इसके साथ ही छोटे भाई गिरजा पासवान ने बताया कि भाई के सरेंडर को लेकर प्रशासन को संपर्क भी किया गया था सरेंडर करने के पश्चात पुलिस फर्जी मुठभेड़ करके माओवादी गौतम पासवान की हत्या कर दी. यह एक फर्जी मुठभेड़ है, कोर्ट में केस करेंगे.

Maoists Encounter: सरेंडर करने का मौका नहीं दिया गया

इस घटना में पांच लाख के इनामी नक्सली नंदू यादव उर्फ अजय के दामाद संतोष यादव का कहना है कि उनके ससुर को एनकाउंटर में नहीं मारा गया. इस केस की जांच की मांग करेंगे. वर्ष 2008 में उनके ससुर पकड़े गए थे जिसके पश्चात वे 2013 में निकले एवं फिर दोबारा से 2013 में संगठन में सम्मिलित हो गए थे.

Maoists Encounter: मीडिया कर्मियों को भी घटनास्थल पर नहीं जाने दिया गया

2000 में वे संगठन छोड़ चुके थे परंतु पुलिस प्रशासन की ओर से काफी तंग किया जाने लगा था जिसके कारण उन्होंने संगठन वापिस ज्वाइन कर लिया था. यह एक फर्जी मुठभेड़ है घटनास्थल पर गए थे परंतु पुलिस प्रशासन ने हम सभी लोगों को रोक दिया था. मीडिया कर्मियों को भी घटनास्थल पर नहीं जाने दिया गया. उन्होंने थाना प्रभारी एवं एसपी से वादा किया था कि वह अपने ससुर का बहुत जल्द सरेंडर करवाएंगे.

सरेंडर करने की तिथि 9 अप्रैल 2023 से हुई थी परंतु इससे पूर्व भी फर्जी मुठभेड़ में उन्हें मार दिया गया.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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