New Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) ने हाल ही में Arvind Kejriwal की जमानत पर निचली अदालत के फैसले को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने केजरीवाल को जमानत देते समय अपने दिमाग का सही इस्तेमाल नहीं किया.
‘Trial Court’s order was perverse’: Delhi High Court stays trial court order granting Arvind Kejriwal bail in excise policy case.
Here are the key observations made by the court-
– ‘The arrest can’t be said to be illegal at this stage’
– ‘Interim bail doesn’t mean he’s… pic.twitter.com/xlnsKGcmVo
— TIMES NOW (@TimesNow) June 25, 2024
ED द्वारा पेश किए गए सबूतों का उचित आकलन नहीं किया: Delhi HC
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि निचली अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए गए सबूतों का उचित आकलन नहीं किया. शराब घोटाला मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अधीनस्थ अदालत को जमानत याचिका पर फैसला सुनाते समय ईडी को पर्याप्त अवसर देना चाहिए था ताकि वे अपना पक्ष रख सकें.
दिल्ली हाई कोर्ट ने 20 जून को निचली अदालत द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत पर रोक लगा दी थी. अगर हाई कोर्ट ने ईडी को अंतरिम राहत न दी होती तो आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे. केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.
निचली अदालत ने अपने जमानत आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया केजरीवाल का दोष साबित नहीं हुआ है और ईडी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से संबंधित स्पष्ट सबूत पेश करने में नाकाम रही है.
ईडी की याचिका पर Delhi HC ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी
दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराने का आदेश दिया था जिसके परिणामस्वरूप 2022 में यह नीति रद्द कर दी गई थी।मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की नियमित जमानत पर लगी अंतरिम रोक जारी रखी. बीते गुरुवार को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में नियमित जमानत दी थी लेकिन ईडी की याचिका पर हाई कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी थी.