
Ranchi: झारखण्ड में इस साल खरीफ सीजन में 31 अगस्त तक 7.37 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुवाई हुई है. इससे प्रति हेक्टेयर 2485 किलोग्राम धान (Paddy) का उत्पादन होने की उम्मीद है।
Jharkhand is suffering due to the weather, the crisis of drought is looming on 40 percent of the paddy area https://t.co/aIzknILvKu
— Patna Times Now (@patnatimesnow) September 4, 2022
बता दें कि 31 अगस्त तक खरीफ सीजन के दौरान खेतों में बोई गई फसल की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है.
राज्य में इस बार समय पर बारिश नहीं हुई. किसान अपनी फसल को लेकर परेशान है। समय पर बारिश नहीं होने से मौजूदा खरीफ सीजन में सिर्फ 18.32 लाख टन धान का उत्पादन होने का अनुमान है. साथ ही आपको बता दें कि राज्य बनने के बाद इस साल सबसे कम खाद्यान्न उत्पादन होने की उम्मीद है. राज्य सरकार के कृषि विभाग ने भारत सरकार को भेजा पहला अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है.
Paddy: एक रिपोर्ट के मुताबिक 7.37 लाख हेक्टेयर भूमि में धान बोया गया है।
इस साल खरीफ सीजन में 31 अगस्त तक 7.37 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुवाई हुई है. इससे प्रति हेक्टेयर 2485 किलोग्राम धान का उत्पादन होने की उम्मीद है। बता दें कि 31 अगस्त तक खरीफ सीजन के दौरान खेतों में बोई गई फसल की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. रिपोर्ट के पहले अनुमान में खेतों में बोई गई फसलों को आधार बनाया गया है।
Paddy: बीते वर्ष 51 लाख टन धान का हुआ था उत्पादन ।
झारखंड में धान मुख्य फसल है। पिछले साल करीब 51 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था। इसके साथ ही कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने मौजूदा खरीफ में कुल 26.01 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद जताई है. धान के बाद मक्का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होगा। लगभग 4.35 लाख टन मक्का का उत्पादन किया जा सकता है।
दो लाख टन अरहर का उत्पादन होने का अनुमान है। खरीफ में दलहन का कुल उत्पादन 3.22 लाख टन होने का अनुमान है। इसके अलावा 2021 में खरीफ सीजन में करीब 53.69 लाख टन अनाज का उत्पादन हुआ। 2020 में 57.64 लाख टन अनाज का उत्पादन हुआ और 2019 में 41.22 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ। वर्ष 2018 33 और 2017 में खरीफ सीजन में लगभग 57 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था।
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