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Bihar Chunav 2025: मतगणना से पहले तेजस्वी की ‘फोन डिप्लोमेसी’, उम्मीदवारों को दिए ‘सख्त निर्देश’ – “सर्टिफिकेट लेकर ही लौटना!”

पटना: Bihar Chunav 2025 की मतगणना (14 नवंबर) से ठीक एक दिन पहले, ‘महागठबंधन’ के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी ‘फोन डिप्लोमेसी’ तेज कर दी है।

अधिकांश एग्जिट पोल में NDA को बढ़त दिखाए जाने के बाद, तेजस्वी यादव ने इन आंकड़ों को “दबाव की राजनीति” बताकर खारिज कर दिया है और अपनी पार्टी की मशीनरी को “वोटों की रक्षा” के लिए सक्रिय कर दिया है।

देर शाम, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पार्टी के सभी उम्मीदवारों और जिला पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का मुख्य एजेंडा मतगणना के दिन के लिए एक-एक उम्मीदवार को तैयार करना था।

Bihar Chunav 2025: ‘गड़बड़ी’ की आशंका और सख्त निगरानी के निर्देश

तेजस्वी यादव ने सार्वजनिक रूप से आशंका जताई है कि मतगणना प्रक्रिया में “सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग” किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मतगणना को “धीमा” करने या नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है।

इसी के मद्देनजर, उन्होंने अपने उम्मीदवारों को फोन पर कई “सख्त निर्देश” दिए हैं:

  • ‘फॉर्म 17C’ का मिलान: सभी उम्मीदवारों को स्पष्ट कहा गया है कि वे मतगणना केंद्र पर EVM में पड़े वोटों का मिलान ‘फॉर्म 17C’ (मतदान केंद्र पर पड़े कुल वोटों का हिसाब) से सख्ती से करें। किसी भी तरह की गड़बड़ी दिखने पर तुरंत वरिष्ठ नेताओं और चुनाव आयोग को सूचित करने को कहा गया है।
  • EVM सील की जांच: यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मतगणना से पहले EVM की सील ठीक से लगी हो और उसकी पूरी वीडियोग्राफी हो।
  • सतर्कता और मुस्तैदी: उम्मीदवारों और उनके काउंटिंग एजेंटों को “पूरी तरह सतर्क, चौकन्ना और मुस्तैद” रहने का निर्देश दिया गया है।

“जीत का सर्टिफिकेट लिए बिना केंद्र न छोड़ें”

तेजस्वी का सबसे बड़ा और स्पष्ट निर्देश यह है कि कोई भी उम्मीदवार या एजेंट, जीत का “आधिकारिक प्रमाण पत्र” (Winning Certificate) लिए बिना किसी भी सूरत में मतगणना केंद्र न छोड़े।

उन्होंने कहा है कि गिनती चाहे कितनी भी देर तक चले, या उन पर केंद्र छोड़ने का कितना भी दबाव बनाया जाए, जब तक उन्हें आधिकारिक रूप से विजेता घोषित नहीं किया जाता, वे अपनी जगह से नहीं हटेंगे।

Bihar Chunav 2025: एग्जिट पोल खारिज, मनोबल बढ़ाने की कोशिश

ज्यादातर एग्जिट पोल में NDA को बहुमत मिलने के अनुमानों को तेजस्वी ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि ‘महागठबंधन’ की 1995 से भी बड़ी जीत होने जा रही है। इन फोन कॉल्स और मीटिंग्स को उम्मीदवारों का मनोबल ऊंचा रखने और उन्हें यह विश्वास दिलाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि वे जीत रहे हैं, उन्हें बस अपने वोटों की “रक्षा” करनी है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘फोन डिप्लोमेसी’ केवल मतगणना की तैयारी नहीं, बल्कि नतीजों के बाद किसी भी संभावित ‘तोड़-फोड़’ की राजनीति के खिलाफ पार्टी को एकजुट रखने की भी एक रणनीति है।

 

 

 

 

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