रांची | झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने जेएसएससी सीजीएल (JSSC CGL) परीक्षा विवाद को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने मरांडी के बयानों को “बेतुका, तथ्यहीन और राजनीतिक नाटकबाजी” करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा झारखंड की परीक्षा व्यवस्था पर अविश्वास पैदा करने के लिए झूठ की खेती कर रही है।
JSSC CGL: यूपी कनेक्शन और राजनीतिक साजिश
विनोद पांडेय ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि साजिशकर्ता यूपी भागकर अपने ‘आकाओं’ की शरण ले रहे हैं ताकि वहां से मनगढ़ंत कहानियां गढ़कर झारखंड पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया को बदनाम किया जा सके। भाजपा इस पूरे मामले को हाईजैक कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश कर रही है।
JSSC CGL: ‘सूत्रों’ के भरोसे नेतागीरी नहीं चलती
पांडेय ने बाबूलाल मरांडी को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “मरांडी जी बताएं कि उनके पास कौन सा ‘पक्का सबूत’ है कि किसी अधिकारी ने पैसे लिए या साक्ष्य मिटाए? सिर्फ ‘सूत्रों से मिली जानकारी’ जैसे जुमलों से युवाओं के गुस्से को भुनाना एक जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देता।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिस नेता की बात में दम नहीं, उसका नेतृत्व प्रभावशाली नहीं हो सकता।
JSSC CGL: सीआईडी और सरकारी संस्थाओं का अपमान
जांच टीम में फेरबदल को एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया बताते हुए पांडेय ने कहा कि भाजपा इसे मुद्दा बनाकर यह जताना चाहती है कि राज्य की एजेंसियां सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सीआईडी पर सवाल उठाना झारखंड की संस्थाओं का अपमान है।
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झामुमो प्रवक्ता ने भाजपा शासित राज्यों में पेपर लीक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पेपर लीक की घटनाएं फैक्ट्री की तरह चल रही हैं। मरांडी जी को पहले अपने घर की आग बुझानी चाहिए, फिर झारखंड को नसीहत देनी चाहिए।
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