
रांची: Bihar Chunav 2025 में विपक्षी महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने सोमवार को ऐन मौके पर घोषणा की कि वह बिहार चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।
पार्टी ने इस नाटकीय फैसले के लिए सीधे तौर पर अपने सहयोगी दलों, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
JMM ने RJD पर “राजनीतिक धूर्तता” और कांग्रेस पर “निष्क्रियता” का आरोप लगाते हुए कहा कि सीट-बंटवारे में उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज किया गया और धोखा दिया गया।
Bihar Chunav: सीटों पर ‘अपमान’ से नाराजगी
यह फैसला नामांकन के आखिरी दिन आया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। JMM के वरिष्ठ नेता और झारखंड सरकार में मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “JMM को गठबंधन में उचित भागीदारी सुनिश्चित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। RJD और कांग्रेस के इस धोखे के कारण पार्टी ने चुनाव से खुद को अलग कर लिया है।”
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, JMM बिहार में लगभग 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, और कम से कम 5 सीटों पर सहमति बनने की उम्मीद थी। लेकिन, अंतिम समय तक कोई स्पष्टता नहीं दी गई, जिसे JMM ने अपना “अपमान” माना।
Bihar Chunav: यू-टर्न और झारखंड में असर
दिलचस्प बात यह है कि JMM ने सिर्फ दो दिन पहले (शनिवार, 18 अक्टूबर को) ही 6 सीटों (जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया) पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन, सोमवार तक पार्टी ने अपना रुख बदलते हुए चुनाव से पूरी तरह हटने का फैसला कर लिया।
JMM का यह गुस्सा सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है। पार्टी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस “धोखे” का असर झारखंड की राजनीति पर भी पड़ सकता है। JMM ने कहा है कि वह अब झारखंड में भी RJD और कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन संबंधों की “समीक्षा” करेगी।
यह घटनाक्रम बिहार में पहले से ही सीट-बंटवारे को लेकर उलझे हुए महागठबंधन के लिए एक नई चुनौती है, जहाँ कई सीटों पर RJD और कांग्रेस के उम्मीदवार पहले ही एक-दूसरे के खिलाफ “फ्रेंडली फाइट” में उतर चुके हैं।
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