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Jharkhand: आदिवासी क्षेत्रों में शराब बिक्री की मिल सकती है मंजूरी, ईचा डैम निर्माण पर भी फैसला संभव

 

रांची, 15 मई 2025: Jharkhand सरकार 21 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (TAC) की महत्वपूर्ण बैठक में कई विवादास्पद और दूरगामी प्रभाव वाले प्रस्तावों पर चर्चा करने जा रही है।

इन प्रस्तावों में आदिवासी बहुल पर्यटन क्षेत्रों में शराब की खुदरा बिक्री की मंजूरी, बार-होटल खोलने की अनुमति, और ईचा डैम परियोजना को पुनः शुरू करने जैसे विषय शामिल हैं।

Jharkhand: आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बार और शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव

बैठक में प्रस्तावित झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली, 2025 और होटल, रेस्तरां, बार एवं क्लब अनुज्ञापन संचालन से जुड़े संशोधन विधेयक 2025 के तहत, उन क्षेत्रों में शराब की बिक्री की अनुमति देने का प्रस्ताव है:

  • जहाँ 50% से अधिक जनसंख्या आदिवासी है,
  • और जिसे सरकार ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राजकीय या स्थानीय महत्व का पर्यटन क्षेत्र घोषित किया है (धार्मिक स्थलों को छोड़कर)।

इस कदम का तर्क पर्यटन और राजस्व हित में बताया गया है, लेकिन यह आदिवासी समुदायों के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने पर असर डाल सकता है।

Jharkhand: मेसा (MESA) बिल में संशोधन पर भी चर्चा

बैठक में ‘The Provisions of the Municipalities (Extension to the Scheduled Areas) Act, 2001’ (MESA) में संशोधन पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राज्य का मत तय किया जाएगा।
संशोधन के अनुसार, नगरीय क्षेत्रों में स्टैंडिंग कमेटी की अनुशंसा अनिवार्य नहीं रह जाएगी, जिससे आदिवासी प्रतिनिधित्व कमजोर हो सकता है।

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वर्तमान में स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष जनजातीय सदस्य होता है। ऐसे में प्रस्तावित संशोधन को लेकर TAC में सहमति बनना मुश्किल माना जा रहा है।

ईचा डैम परियोजना को पुनर्जीवित करने की तैयारी

बैठक के एजेंडे में पश्चिमी सिंहभूम में खरकई नदी पर प्रस्तावित ईचा डैम के निर्माण को फिर से शुरू करने की स्वीकृति भी शामिल है।
यह परियोजना पहले चंपई सोरेन की अध्यक्षता वाली समिति की अनुशंसा पर रोक दी गई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में इसे फिर से शुरू किया जा सकता है।

  • अब तक डैम पर ₹1397.63 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
  • इसके नहीं बनने से 97,256 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता प्रभावित होगी।
  • डैम का निर्माण 1978 के त्रिस्तरीय समझौते (बिहार, बंगाल, ओडिशा) की शर्तों से भी जुड़ा है।

Jharkhand News: पेसा नियमावली पर चर्चा संभव, एजेंडा से बाहर

हालांकि बैठक के आधिकारिक एजेंडे में पेसा नियमावली (PESA Rules) शामिल नहीं है, लेकिन अध्यक्ष की अनुमति से “अन्य विषयों” के अंतर्गत इसपर भी चर्चा हो सकती है। यह मुद्दा लंबे समय से झारखंड में लंबित है और आदिवासी स्वशासन से जुड़ा है।

नजरें टीएसी बैठक पर

TAC की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब राज्य सरकार पर आदिवासी हितों की अनदेखी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। शराब नीति, डैम निर्माण और नगर निकाय कानूनों में बदलाव जैसे मुद्दे आदिवासी समाज में गहरी चिंता और असंतोष पैदा कर सकते हैं।

जहाँ एक ओर राज्य सरकार पर्यटन और राजस्व वृद्धि के तर्क दे रही है, वहीं दूसरी ओर आदिवासी परंपराओं, संस्कृति और स्वशासन अधिकारों के संरक्षण का सवाल भी उतना ही अहम है। इस बैठक में लिए गए निर्णय झारखंड की सामाजिक-सांस्कृतिक राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं।

 

 

 

 

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