Jharkhand Election 2024 के दौरान बीजेपी को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस की शिकायत पर आयोग ने बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए विवादित वीडियो को सांप्रदायिक और गुमराह करने वाला बताते हुए इसे हटाने का निर्देश दिया है।
‘Misleading and Malicious’: Election Commission Takes Serious View of Video Posted by Jharkhand BJP; Asks CEO To Take Actionhttps://t.co/5ySIy1kWie#ElectionCommission #Jharkhand #JharkhandAssemblyPolls2024 #JharkhandElection2024 #BJP
— LatestLY (@latestly) November 17, 2024
Jharkhand Election 2024: चुनाव आयोग का आदेश
चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को पत्र लिखकर कहा कि इस वीडियो में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन प्रतीत होता है। आयोग ने निर्देश दिया है:
- वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से तत्काल हटाया जाए।
- बीजेपी को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा जाए।
Jharkhand Election 2024: झामुमो और कांग्रेस का आरोप
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने आरोप लगाया कि:
- बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ झूठे और भ्रामक आरोप लगाए हैं।
- सांप्रदायिक नफरत और मतदाताओं को गुमराह करने के लिए वीडियो पोस्ट किया गया।
- यह सामग्री झामुमो नेताओं की छवि खराब करने के लिए डिजाइन की गई है।
कांग्रेस ने भी वीडियो को दिग्भ्रमित और सांप्रदायिक आधार पर विभाजन फैलाने वाला बताया।
Jharkhand Election 2024: बीजेपी का पलटवार
इस विवाद के बीच, बीजेपी ने झामुमो पर बरहेट विधानसभा क्षेत्र में उनके उम्मीदवार गमेलियल हेंब्रम और उनके परिवार को धमकाने का आरोप लगाया।
- बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से गमेलियल हेंब्रम की सुरक्षा की मांग की।
- बीजेपी नेताओं का कहना है कि झामुमो कार्यकर्ता और प्रशासन मिलकर हेंब्रम को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि और प्रभाव
- इस घटना ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और झामुमो के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है।
- आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन साबित होने पर आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
- झारखंड में 20 नवंबर को दूसरे और अंतिम चरण के तहत मतदान होगा, और यह मामला मतदाताओं की सोच पर असर डाल सकता है।
Jharkhand Election 2024: चुनावी माहौल पर असर
झारखंड विधानसभा चुनावों में इस प्रकार की घटनाएं गठबंधन दलों और भाजपा के बीच संघर्ष को और तीव्र कर रही हैं। देखना होगा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई और मतदाता इस विवाद को कैसे देखते हैं।