
Ranchi: Jharkhand सरकार ने दिव्यांग और अनाथ विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में राज्य सरकार ने इन जरूरतमंद विद्यार्थियों को सालाना 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।
इस योजना का उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों को उच्च शिक्षा और बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करना है।
Jharkhand News: योजना का उद्देश्य
सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य झारखंड के दिव्यांग और अनाथ विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। इससे वे बिना किसी वित्तीय बाधा के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे और आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
Jharkhand: कौन उठा सकता है लाभ?
इस योजना का लाभ झारखंड के दिव्यांग और अनाथ विद्यार्थियों को मिलेगा। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि योग्य लाभार्थियों तक यह सहायता समय पर पहुंचे।
Jharkhand: सहायता राशि और लाभ
हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले के तहत प्रत्येक पात्र विद्यार्थी को सालाना 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। इस राशि का उपयोग वे शिक्षा, हॉस्टल फीस, किताबें, स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए कर सकेंगे।
सरकार की प्रतिबद्धता
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा,
“हमारा लक्ष्य झारखंड के हर विद्यार्थी को समान अवसर देना है, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें। यह योजना दिव्यांग और अनाथ बच्चों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
Jharkhand: विद्यार्थियों और अभिभावकों में खुशी
इस घोषणा के बाद झारखंड के दिव्यांग और अनाथ विद्यार्थियों में उत्साह देखा जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि यह सहायता उनके बच्चों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है।
आवेदन प्रक्रिया
सरकार जल्द ही इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगी। लाभार्थी छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
हेमंत सोरेन सरकार की यह पहल झारखंड के जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे न केवल उनकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि वे आत्मनिर्भर बनकर अपने भविष्य को संवार सकेंगे। यह योजना झारखंड को एक समावेशी और सशक्त समाज की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगी।