झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Jharkhand Cabinet) को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
#WATCH | Ranchi | On Jharkhand Government Cabinet expansion, JMM Leader Manoj Pandey says, “There has been a discussion on the five-on-one formula, that is one minister for 5 MLAs. In such a situation, the number of our ministers will increase. One cabinet will increase. We have… pic.twitter.com/vJ8lnRwDju
— ANI (@ANI) November 30, 2024
चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि नए मंत्रिमंडल में किन चेहरों को जगह मिलेगी।
Jharkhand Cabinet: प्रचंड बहुमत के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतीक्षा
झामुमो, कांग्रेस, और आरजेडी के महागठबंधन ने 81 में से 56 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसके आधार पर झामुमो कोटे से छह, कांग्रेस से चार, और आरजेडी से एक मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता देते हुए एक सप्ताह के भीतर मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।
Jharkhand Cabinet: मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये चेहरे
झामुमो से दीपक बीरुआ, रामदास सोरेन, हफीजुल हसन, और सविता महतो जैसे नेता संभावित मंत्रियों की सूची में शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस के कोटे से निशात आलम, इरफान अंसारी, और दीपिका पांडे के नाम चर्चा में हैं। आरजेडी से सुरेश पासवान या संजय यादव को मंत्री पद मिल सकता है।
मंत्रिमंडल में कुल 12 मंत्री होने की संभावना है, जिसमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा के विशेष सत्र से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे सरकार बहुमत साबित करने के बाद अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर सके।
Jharkhand Cabinet: बीजेपी ने महागठबंधन पर साधा निशाना
वहीं, इस देरी को लेकर बीजेपी ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही खींचतान से यह स्पष्ट है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और पदों की लालसा ने झारखंड के विकास को प्राथमिकता सूची से हटा दिया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे जनता के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा कि महागठबंधन के नेता अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
उन्होंने इसे झारखंड की जनता के लिए एक नकारात्मक संदेश बताया है और कहा कि इतने बड़े जनादेश के बावजूद सरकार के कदम धीमे और असंगत दिख रहे हैं।
महागठबंधन ने दी सफाई, जल्द होगा विस्तार
महागठबंधन के नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और यह जल्द ही पूरा किया जाएगा। झामुमो प्रवक्ता ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार सभी दलों को उचित प्रतिनिधित्व देने के साथ जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी।
कांग्रेस ने भी भरोसा जताया कि विस्तार में किसी प्रकार की असहमति नहीं है और यह जल्द ही जनता के सामने आएगा। अब देखना यह है कि मंत्रिमंडल का यह विस्तार झारखंड की राजनीति और विकास को किस दिशा में ले जाता है।
यह भी पढ़े: Hemant Soren के शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर, शामिल होंगे कई बड़े नेता