
Ranchi: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने Jharkhand सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग की सुध नहीं ले रही है।
जब रिम्स जैसा बड़ा अस्पताल ही दम तोड़ रहा है, तो बाकी अस्पतालों का क्या हाल होगा?
हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी सरकार चुप क्यों है?
आज 300 डॉक्टर, 144 नर्सें और 416 पद खाली हैं तो फिर इलाज कौन करेगा?
क्या जनता की ज़िंदगी अब भगवान भरोसे है? pic.twitter.com/dyNB7g5IOp
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) August 7, 2025
उच्च न्यायालय ने चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की रिक्त पदों पर चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है, परन्तु सरकार की नींद टूटी नहीं है।
Jharkhand News: स्वास्थ्य विभाग की स्थिति चिंताजनक
अजय साह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग आज एक अनाथ विभाग बन चुका है, जहां डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी नदारद हैं। मंत्री इरफान अंसारी की रुचि स्वास्थ्य क्षेत्र की बजाय हजारीबाग, रामगढ़ की घटनाओं और अन्य विभागों पर अधिक केन्द्रित है। स्वास्थ्य मंत्री केवल रिम्स की नई इमारत के निर्माण में लगे हैं, जो सरकार की कमीशन आधारित राजनीति का प्रतीक है।
Jharkhand News: नियुक्ति प्रक्रिया में विवाद और सरकारी दावों पर सवाल
प्रवक्ता ने सरकार द्वारा वित्त विभाग की स्वीकृति के बावजूद आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति को संदिग्ध करार दिया। उनका कहना है कि यह अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने की साजिश हो सकती है।
Jharkhand News: मंत्री और अधिकारी दिल्ली में इलाज करवाकर कर रहे व्यवस्था पर अविश्वास जताया
अजय साह ने आरोप लगाया कि जब राज्य के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी खुद राज्य के बाहर दिल्ली जाकर इलाज करवा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वे अपने ही बनाए स्वास्थ्य ढांचे पर भरोसा नहीं करते। यह स्थिति राज्य की जनता के साथ एक क्रूर मज़ाक है और सरकार की लापरवाही को उजागर करती है।
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