Ranchi: CM हेमन्त सोरेन के प्रयास का प्रतिफल है कि जमशेदपुर में देश की पहली Hydrogen ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना होगी।
जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंजन और ईंधन के उत्पादन के लिए देश का पहला संयंत्र लगेगा। इसके लिए टाटा मोटर्स और कमिन्स ने झारखंड सरकार के साथ एमओयू साइन किया।
रांची में प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित झारखंड मंत्रालय में एमओयू साइन के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे।… pic.twitter.com/6vhLnqjztR
— IANS Hindi (@IANSKhabar) August 25, 2023
इसको लेकर शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में 354.28 करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित MoU पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में संपन्न होगा। MoU पर हस्ताक्षर उद्योग विभाग, झारखण्ड सरकार और टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा. लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) के बीच होना है। MoU के उपरांत जमशेदपुर में देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग के स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
Hydrogen Engine: मुख्यमंत्री ने एक माह पूर्व दी थी MoU की स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने 28 जुलाई 2023 को M/s Tata Motors Limited एवं M/s Cummins Inc., USA के संयुक्त उपक्रम M/s TCPL Green Energy Solutions Private Limited (TGESPL) द्वारा जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम में Hydrogen Internal Combustion Engine, Fuel-agnostic Engine, Advance Chemistry Battery, H2 Fuel Cell तथा H2 Fuel delivery systems के निर्माण/उत्पादन के लिए ईकाई की स्थापना हेतु सिंगल विंडो क्लीयरेंस कमिटि एवं High Power Committee की स्वीकृति की प्रत्याशा में उक्त निवेश के प्रस्ताव पर M/s TGESPL के साथ MoU हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव पर सहमति दी थी।
Hydrogen Engine: 354.28 करोड़ रुपए का निवेश, नवीनतम तकनीक का होगा उपयोग
झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के वर्गीकृत क्षेत्रवार बड़ी परियोजनाओं से प्राप्त होने वाले निवेश तथा प्रत्यक्ष नियोजन के आधार पर ईकाई का वर्गीकरण मेगा श्रेणी के अंतर्गत किया गया है। इस ईकाई की प्रस्तावित क्षमता 4000+ Hydrogen IC Engine / Fuel Agnostic Engine and 10,000+ Battery system है, इस कार्य में हाइड्रोजन इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसका लाभ आने वाले समय में पूरे देश को होगा।
Hydrogen ईंधन के फायदे
हाइड्रोजन ऐसा ईंधन है, जिसकी क्षमता अन्य ईंधनों के अपेक्षा अधिक होती है। इसका एनर्जी लेबल अधिक होता है। यह सस्ता और हल्का होता है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है। हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।