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झामुमो के ‘आदिवासी अस्मिता’ दांव से कैसे निपटेगी BJP? 4 बिंदुओं से समझें

Ranchi: BJP News: झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी ज़ोरों पर है और इसके साथ ही सियासी माहौल भी गर्मा गया है. राज्य की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के मुद्दे को आदिवासी अस्मिता से जोड़ते हुए आगामी चुनावों में विक्टिम कार्ड खेलने की रणनीति बना रही है.

यह रणनीति लोकसभा चुनावों में सफल साबित हुई थी जब जेएमएम ने आदिवासी अस्मिता का मुद्दा उठाकर भारतीय जनता पार्टी को झटका दिया था.

अब प्रश्न यह है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी जेएमएम की इस रणनीति से कैसे निपटेगी? इस चुनौती को 4 बिंदुओं में समझते हैं-

1. बड़े आदिवासी नेताओं को BJP उम्मीदवार बनाना

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी पांच सीटें गंवाईं जिससे पार्टी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत महसूस हुई. विधानसभा चुनाव में पार्टी बड़े आदिवासी नेताओं को उम्मीदवार बनाकर जेएमएम के आदिवासी अस्मिता वाले दांव को काउंटर करने की तैयारी कर रही है.

2. आदिवासी समुदाय के बीच संवाद बढ़ाना

बीजेपी अब आदिवासी समुदाय के बीच संवाद को बढ़ाने की कोशिश कर रही है. पार्टी के शीर्ष नेता लगातार आदिवासी इलाकों का दौरा कर रहे हैं और उनकी समस्याओं को समझने और समाधान करने की कोशिश में लगे हुए हैं. इससे आदिवासी मतदाताओं का विश्वास जीतने की कोशिश की जा रही है.

3. विकास और सुरक्षा का मुद्दा

BJP, जेएमएम के आदिवासी अस्मिता वाले मुद्दे के जवाब में विकास और सुरक्षा का कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है. पार्टी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि राज्य का समग्र विकास और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी का शासन आवश्यक है.

4. सोरेन सरकार की विफलताओं को उजागर करना

बीजेपी हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को जनता के सामने लाकर चुनावी मैदान में उतर रही है. पार्टी सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था की स्थिति और विकास कार्यों में कमी को उजागर कर जेएमएम की पकड़ को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जिला स्तर पर पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही चुनाव आयोग की टीम राज्य का दौरा करेगी. ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि सितंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव आयोग झारखंड चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है. कुल मिलाकर बीजेपी और जेएमएम के बीच आदिवासी अस्मिता के मुद्दे पर चुनावी संघर्ष और तेज होने की संभावना है.

जेएमएम अपनी पुरानी रणनीति पर कायम रहते हुए विक्टिम कार्ड खेल रही है जबकि बीजेपी इससे निपटने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रही है. चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि किसकी रणनीति ज्यादा प्रभावी साबित होती है. बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है.

BJP News: बड़े नेताओं को प्रत्याशी बनाने की तैयारी

कहा जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, हिमंत बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बीच हुई बैठक में इस पर सहमति भी बन चुकी है. पार्टी ने आदिवासी समाज से आने वाले नेताओं के साथ ही गैर-आदिवासी समाज के प्रभावशाली नेताओं को भी चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करने का संकेत दे दिया है.

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पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, सुदर्शन भगत, समीर उरांव, सुनील सोरेन, अरुण उरांव, दिनेश उरांव, आशा लकड़ा, लुईस मरांडी, शिवशंकर उरांव, गीता कोड़ा, बड़कुंवर गागराई, ताला मरांडी के साथ ही सीता सोरेन को भी उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है.

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