Ranchi: हाल ही में Hindenburg ने अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है जिससे भारतीय राजनीति और आर्थिक जगत में फिर से हलचल मच गई है.
NEW FROM US:
Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandalhttps://t.co/3ULOLxxhkU
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने मॉरीशस की एक ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है. इस कंपनी के माध्यम से अडानी ग्रुप की कंपनियों में भी निवेश किया गया था जिसे व्यापारिक दुरुपयोग का एक उदाहरण माना जा रहा है. हिंडेनबर्ग का दावा है कि जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर किए गए खुलासों पर सेबी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जिससे यह संकेत मिलता है कि सेबी की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं.
Hindenburg: कांग्रेस ने की जेपीसी गठन की मांग
हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारतीय राजनीति में एक बार फिर गर्मी आ गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि 2018 में सेबी ने लाभकारी मालिकों की जानकारी से संबंधित नियमों को कमजोर कर दिया था जिससे इस तरह के घोटाले संभव हो सके. कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए. उनका कहना है कि अडानी ग्रुप से जुड़ी समस्याओं के कारण लोगों की बड़ी मात्रा में धन की हानि हुई है.
The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.
Honest investors across the country have pressing questions for the government:
– Why… pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024
देश को अस्थिर करने की है साज़िश- बीजेपी
भाजपा ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के समय पर सवाल उठाए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि विदेशी रिपोर्टें खासतौर पर संसद सत्र से पहले जारी की जाती हैं जिससे विपक्ष को संसद में हंगामा करने का मौका मिलता है. त्रिवेदी ने इसे देश को अस्थिर करने की एक सोची-समझी साजिश करार दिया है. उनके अनुसार यह प्रयास भारत के विकास को रोकने के लिए किया जा रहा है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना की जा रही है.
इस बीच सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने हिंडेनबर्ग के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है. उन्होंने अपने पति के साथ एक बयान जारी कर कहा है कि उनका जीवन पूरी तरह पारदर्शी है और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने अपने सभी आर्थिक विवरण सार्वजनिक करने की पेशकश भी की है ताकि इस मामले में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न बने. दोनों पक्षों के दावों और आरोपों के बीच यह मामला अब और भी राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है.
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विपक्ष ने इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है जिससे भारतीय राजनीति में एक नया विवाद जन्म ले चुका है.
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