BusinessHeadlinesInternationalNationalPoliticsTrending

Hindenburg रिपोर्ट ने एक बार फिर खड़ा किया हंगामा, SEBI की साख पर उठाए प्रश्न

Ranchi: हाल ही में Hindenburg ने अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है जिससे भारतीय राजनीति और आर्थिक जगत में फिर से हलचल मच गई है.

इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने मॉरीशस की एक ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है. इस कंपनी के माध्यम से अडानी ग्रुप की कंपनियों में भी निवेश किया गया था जिसे व्यापारिक दुरुपयोग का एक उदाहरण माना जा रहा है. हिंडेनबर्ग का दावा है कि जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर किए गए खुलासों पर सेबी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जिससे यह संकेत मिलता है कि सेबी की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं.

Hindenburg: कांग्रेस ने की जेपीसी गठन की मांग

हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारतीय राजनीति में एक बार फिर गर्मी आ गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि 2018 में सेबी ने लाभकारी मालिकों की जानकारी से संबंधित नियमों को कमजोर कर दिया था जिससे इस तरह के घोटाले संभव हो सके. कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले की स्वतंत्र जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए. उनका कहना है कि अडानी ग्रुप से जुड़ी समस्याओं के कारण लोगों की बड़ी मात्रा में धन की हानि हुई है.

देश को अस्थिर करने की है साज़िश- बीजेपी

भाजपा ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के समय पर सवाल उठाए हैं. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि विदेशी रिपोर्टें खासतौर पर संसद सत्र से पहले जारी की जाती हैं जिससे विपक्ष को संसद में हंगामा करने का मौका मिलता है. त्रिवेदी ने इसे देश को अस्थिर करने की एक सोची-समझी साजिश करार दिया है. उनके अनुसार यह प्रयास भारत के विकास को रोकने के लिए किया जा रहा है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना की जा रही है.

Hindenburg
Sudhanshu Trivedi

इस बीच सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने हिंडेनबर्ग के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है. उन्होंने अपने पति के साथ एक बयान जारी कर कहा है कि उनका जीवन पूरी तरह पारदर्शी है और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने अपने सभी आर्थिक विवरण सार्वजनिक करने की पेशकश भी की है ताकि इस मामले में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न बने. दोनों पक्षों के दावों और आरोपों के बीच यह मामला अब और भी राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है.

यह भी पढ़े: नीति आयोग की बैठक का CM Hemant Soren ने भी किया बहिष्कार

विपक्ष ने इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है जिससे भारतीय राजनीति में एक नया विवाद जन्म ले चुका है.

यह भी पढ़े: CM Nitish Kumar ने NITI Aayog बैठक में भाग नहीं लिया

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button