रांची – CM Hemant Soren ने भाजपा नेताओं पर उनकी आदिवासी पहचान के कारण उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि एक दर्जन से अधिक मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेता उन्हें पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
Hemant Soren का भाजपा नेताओं पर आरोप: ‘गिद्धों की तरह मंडरा रहे’
सोरेन ने ये आरोप खूंटी जिले में एक सरकारी समारोह में लगाए। उन्होंने भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ को झारखंड में ‘गिद्धों’ की तरह मंडराते नेताओं के रूप में संदर्भित किया। इसके अलावा, सोरेन ने वादा किया कि अगर केंद्र राज्य का बकाया लौटाता है तो वे कल्याण सहायता बढ़ाएंगे। उन्होंने झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना को बढ़ाकर 2,000 रुपये मासिक करने का वादा किया।
कल्याण सहायता बढ़ाने का वादा, केंद्र से बकाया मिलने पर निर्भर
यह वृद्धि केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये या उसका ब्याज मिलने पर निर्भर है। इसके अलावा, सोरेन ने भाजपा पर लोगों को धार्मिक और जातिगत आधार पर बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष पर वोट के लिए जेएमएमएसवाई शुरू करने का आरोप लगाने की आलोचना की। इसके अलावा, सीएम ने गांवों को सशक्त बनाने और साहूकारों पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा।
सोरेन ने आने वाले पांच सालों में हर घर में एक लाख रुपये पहुंचाने का वादा किया। दूसरी ओर, उन्होंने आबकारी कांस्टेबल पद के उम्मीदवारों की हाल ही में हुई मौतों पर चिंता जताई। सीएम ने सुझाव दिया कि इन मौतों के पीछे दोषपूर्ण कोविड वैक्सीन की खुराक हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि भारत में प्रतिबंधित टीके जारी हैं, उन्होंने व्यक्तिगत चिंता व्यक्त की।
इस बीच, सोरेन ने सिमडेगा और खूंटी जिलों के लिए 587 करोड़ रुपये की 213 परियोजनाओं का अनावरण किया। ये आरोप और वादे झारखंड में बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच सामने आए हैं। सीएम के बयान राज्य सरकार और भाजपा के बीच बढ़ती दुश्मनी को दर्शाते हैं। सोरेन का अपनी आदिवासी पहचान पर ध्यान केंद्रित करने का उद्देश्य स्वदेशी समुदायों के बीच समर्थन जुटाना है। कल्याण बढ़ाने के उनके वादे केंद्र के साथ विवादास्पद वित्तीय विवाद पर टिके हैं।
सीएम के वैक्सीन के दावे विवाद को जन्म दे सकते हैं और आगे की जांच की मांग कर सकते हैं। झारखंड में चुनाव नजदीक आने के साथ ही यह राजनीतिक गतिरोध और तेज होने की संभावना है।