
नई दिल्ली: 11 साल से केंद्र की सत्ता से बाहर रही कांग्रेस पार्टी के नेता Rahul Gandhi ने दलितों और पिछड़ों की राजनीति के दम पर पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश तेज कर दी है।
भाजपा चाहे जितने भी झूठ और ध्यान भटकाने की साज़िश करे, हम अतिपिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े समाज को उनका पूरा हक़ दिलाने के लिए संकल्पित हैं।
बिहार में अतिपिछड़ा समाज को मज़बूत बनाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए हमने ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ में ठोस वादे किए… pic.twitter.com/JOHaQs0tXy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 25, 2025
पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद राहुल गांधी ने राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ मिलकर बिहार के अति पिछड़ी जातियों (EBC) के लिए 10 वादों का एक संकल्प जारी किया है। इन संकल्पों से साफ संकेत मिल रहा है कि राहुल गांधी 2029 के लोकसभा चुनाव में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण को एक बड़े चुनावी एजेंडे के रूप में आजमाने की तरफ बढ़ रहे हैं।
Rahul Gandhi: आरक्षण विस्तार कांग्रेस के कोर में
बिहार के EBC संकल्प में दो प्रमुख वादे इस ओर इशारा करते हैं:
- प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में आरक्षण: संकल्प में राज्य के सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने का एजेंडा रखा गया है। यह संविधान के अनुच्छेद 15(5) के तहत एससी, एसटी और ओबीसी के लिए शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में रिजर्वेशन का दायरा प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक बढ़ाने का वचन है।
- ‘Not Found Suitable’ चलन को अवैध घोषित करना: सरकारी बहाली में एससी, एसटी और ओबीसी के पदों पर ‘योग्य नहीं मिला’ (‘Not Found Suitable’) के चलन को अवैध घोषित करना, आरक्षित जातियों के बेरोजगारों के लिए ‘पिछले दरवाजे से हकमारी’ को रोकने का प्रयास है।
Rahul Gandhi: खरगे और संसदीय समिति का समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसी साल कर्नाटक में प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने की बात कही थी, जिसे पार्टी के अंदर चल रहे मंथन का संकेत माना जा सकता है। इसके अलावा, दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने हाल ही में सरकार से सिफारिश की थी कि सभी निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी, एससी और एसटी के लिए आरक्षित कोटा लागू किया जाए।
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Rahul Gandhi: वाजपेयी ने भी किया था समर्थन
यह मुद्दा नया नहीं है। 19 दिसंबर 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए कहा था कि अगर सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जा सकता है, तो प्राइवेट में क्यों नहीं। हालांकि, यह मुद्दा उनकी हार के बाद आगे नहीं बढ़ पाया था।
राहुल गांधी ने कई बार कहा है कि वह आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ऊपर बढ़ाने के लिए काम करेंगे। बिहार में EBC संकल्प जारी करना 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के नए कोर एजेंडे की शुरुआत माना जा रहा है।
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