
Patna: Bihar ने हरित क्षेत्र विस्तार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। वर्ष 2005 में जहाँ राज्य का वन क्षेत्र सिर्फ 7.65% था, वहीं 2024 में यह बढ़कर 15.05% तक पहुँच गया है।
यानी बीते 20 वर्षों में यह दोगुना से अधिक हो चुका है। यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने दी। वे अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर पटना चिड़ियाघर में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
Bihar: 2028 तक 17% हरित आवरण का लक्ष्य
मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2028 तक हरित आवरण को 17% तक ले जाना है। इसके लिए विभागीय स्तर पर तेज़ी से योजनाएं शुरू की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा, “2005 का बिहार अंधकार और गड्ढों का बिहार था। आज का बिहार सबसे तेज़ गति से विकास करने वाला राज्य बन चुका है।”
Bihar: आदिवासी और अनुसूचित जाति के गाँवों को मिलेगा हरा भविष्य
सरकार की योजना के तहत राज्य के सभी अनुसूचित जाति और जनजातीय गाँवों को चिन्हित करके 20-20 एकड़ भूमि पर फलदार पेड़ लगाए जाएंगे। इससे न केवल हरित आवरण बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण जैव विविधता और आय के स्रोत भी विकसित होंगे।
Bihar: रामसर साइट्स और आर्द्र भूमि संरक्षण पर भी फोकस
कार्यक्रम में मौजूद अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने बताया कि राज्य में 100 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाली 133 आर्द्र भूमि हैं जिन्हें संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, कांवर झील (बेगूसराय), नागी-नकटी (जमुई) जैसे रामसर साइट्स को वैश्विक मानकों पर संरक्षित करने की दिशा में कार्य हो रहा है।
राज्य सरकार बायोडायवर्सिटी एक्शन प्लान भी बना रही है जिसमें सभी विभागों, सिविल सोसाइटी और युवाओं को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि नए संभावित स्थलों जैसे चिरांद (छपरा), भीम (औरंगाबाद), बिहारशरीफ को मिलाकर 2,592 हेक्टेयर भूमि को जैव विविधता ज़ोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
बच्चों की सहभागिता भी रही सराहनीय
कार्यक्रम के दौरान 1165 स्कूली छात्रों को चित्रांकन और फोटोग्राफी प्रतियोगिता में पुरस्कार प्रदान किए गए। समारोह में सचिव एस. चंद्रशेखर, वन संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।



