
वैशाली/पटना: Pappu Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बजते ही आचार संहिता उल्लंघन का पहला मामला दर्ज हो गया है। पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर यह केस वैशाली जिले के सहदेई थाने में दर्ज किया गया है।
उन पर आरोप है कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच नकद राशि बांटी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद यह कार्रवाई हुई।
Pppu Yadav Case: क्या है मामला?
सीओ (अंचल अधिकारी) के आवेदन पर सहदेई थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार (9 अक्टूबर 2025) की शाम सहदेई बुजुर्ग प्रखंड क्षेत्र की नयागांव पश्चिमी पंचायत के गनियारी में गंगा नदी के कटाव से पीड़ित 80 परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने इन सभी को कथित तौर पर चार-चार हजार रुपए की आर्थिक मदद दी। रुपए बांटने का यह मामला संज्ञान में आने के बाद महनार के एसडीओ नीरज कुमार ने जांच का आदेश दिया, जिसके बाद सीओ की रिपोर्ट पर कार्रवाई की गई।
Pappu Yadav violated MCC: प्रशासन की कार्रवाई पर उठाए सवाल
पप्पू यादव ने इस कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्रियों चिराग पासवान और नित्यानंद राय पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “आप तो यहीं के हैं और आपके ही लोग हैं। आप कम से कम इन लोगों को देखने के लिए आ जाते। इन गरीबों को बचा लेते। प्रशासन ने तो इन सभी पीड़ितों को छोड़ दिया है।”
ज्ञानेश जी आप और आपके DM जितना मुक़दमा करना हो करें, पीड़ितों की मदद के लिए जितना सामर्थ्य होगा उतना रुपया हम बांटते रहेंगे!
पीड़ितों की मदद अपराध है तो हम यह अपराध करेंगे
आप जेल में डालिए या, फांसी दीजिए, हम न रुकेंगे, न झुकेंगे! pic.twitter.com/bo4LmdXIb7— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 10, 2025
Pappu Yadav: क्या चुनाव आयोग के डर से मदद करना छोड़ दें?
आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों पर पप्पू यादव ने बचाव करते हुए कहा, “क्या चुनाव आयोग के डर से गरीबों को मदद करना छोड़ दें? मैं आगे भी मदद करता रहूंगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि गनियारी में कटाव से 150 से 200 परिवार बेघर हो गए हैं।
एसडीओ नीरज कुमार सिन्हा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सहदेई बुजुर्ग के सीओ को जांच कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी राजनेता या जनप्रतिनिधि द्वारा सार्वजनिक रूप से नकद राशि या उपहार वितरित करना मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश माना जाता है, जो नियमों का उल्लंघन है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का यह पहला आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा है।



