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Bihar में हाईवे किनारे के सभी अस्पताल बनेंगे ट्रॉमा सेंटर, घायलों का ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन को दिए निर्देश, जल्द पूरी होगी अपग्रेडेशन की प्रक्रिया

पटना: Bihar में सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को त्वरित उपचार सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब हाईवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे चलने वाले सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को ट्रॉमा सेंटर में बदला जाएगा।

इसके साथ ही, सड़क हादसों में घायल किसी भी व्यक्ति का सभी अस्पतालों में ₹1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज किया जाएगा।

Bihar स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की कार्रवाई

राज्य स्वास्थ्य विभाग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (सड़क सुरक्षा) डॉ. मनोज कुमार ने इस संबंध में सभी जिलों के सिविल सर्जन (CS) को पत्र जारी किया है। पत्र में निर्देश दिया गया है कि:

  • हाईवे किनारे के अस्पतालों की जांच कर उन्हें ट्रॉमा सेंटर में बदलने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए।
  • इन अस्पतालों पर ट्रॉमा सेंटर का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
  • जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द विभाग को भेजी जाए।

परिवहन विभाग के सचिव आशुतोष द्विवेदी ने भी स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर ट्रॉमा सेंटर में आवश्यक मानव बल, डॉक्टरों और जरूरी उपकरणों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा था।

Bihar News: कैशलेस इलाज और गुड सेमेरिटन पहल

इस नई व्यवस्था के तहत, सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों का सभी अस्पतालों में ₹1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज किया जाएगा।

इसके अलावा, अस्पतालों में ‘गुड सेमेरिटन’ (नेक इंसान) का बोर्ड भी लगाया जाएगा। यह पहल लोगों को दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए प्रेरित करने और उन्हें कानूनी झंझटों से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से की जा रही है। अस्पताल में कैशलेस इलाज की जानकारी देने वाला बोर्ड भी प्रमुखता से लगाया जाएगा।

 

 

 

 

 

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