अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर के पास एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख Sukhbir Singh Badal पर जानलेवा हमला हुआ।
VIDEO | Punjab: A man opened fire at Shiromani Akali Dal leader Sukhbir Singh Badal at the entrance of Golden Temple, Amritsar. The person was overpowered by people present on the spot. More details are awaited.#PunjabNews #SukhbirSinghBadal
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— Press Trust of India (@PTI_News) December 4, 2024
यह हमला गोल्डन टेंपल के गेट के पास फायरिंग के रूप में हुआ, जिसने पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक माहौल को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Sukhbir Singh Badal: घटना का विवरण
घटना के मुताबिक, सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर के पास किसी कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। तभी एक हमलावर ने गोल्डन टेंपल के गेट पर फायरिंग कर दी। बताया जा रहा है कि यह हमला सुनियोजित था, क्योंकि हमलावर ने घटना से एक दिन पहले रेकी की थी। फायरिंग के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाबलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को संभाला और सुखबीर बादल को सुरक्षित बाहर निकाला।
Sukhbir Singh Badal: हमलावर की पहचान और मंशा
हमलावर की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन शुरुआती जांच में पता चला है कि उसने घटना से पहले इलाके का बारीकी से मुआयना किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस हमले के पीछे राजनीतिक दुश्मनी या व्यक्तिगत विवाद का शक जताया जा रहा है। मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है।
Sukhbir Singh Badal: पंजाब की राजनीति पर असर
सुखबीर सिंह बादल पर हुआ यह हमला न केवल उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि पंजाब की राजनीति में उथल-पुथल भी पैदा कर सकता है। शिरोमणि अकाली दल ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। पार्टी ने सरकार से इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल के पास फायरिंग होना यह दर्शाता है कि सुरक्षा में भारी चूक हुई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को लेकर सतर्क हो गई हैं, और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सुखबीर सिंह बादल पर हुआ यह हमला न केवल एक राजनीतिक नेता की सुरक्षा पर हमला है, बल्कि यह पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश भी है। इस घटना ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और दोषियों को कब तक पकड़ा जाता है।