Ranchi: Manipur में जातीय समूहों के बीच जारी हिंसा और दो दिन पूर्व सोशल मीडिया पर मणिपुर की आदिवासी महिलाओं पर बर्बरता दिखाने वाले एक लीक वीडियो को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पत्र लिख कर वहाँ शांति और सद्भाव हेतु मार्मिक आग्रह किया है।
I have written to the Hon’ble President @rashtrapatibhvn ‘ji expressing deep anguish on the violence in Manipur. These are the darkest of times & as fellow citizens, we are all distressed & concerned at this absolute loss of human dignity. INDIA stands with Manipur, Manipur must… pic.twitter.com/9lWPhFi5C2
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 22, 2023
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मणिपुर में बढ़ती स्थिति से व्यथित और चिंतित हूं। मीडिया से मिली जानकरी के अनुसार हिंसा की वजह से पहले ही सैकड़ों निर्दोष लोगों की जानें चली गई है। साथ ही संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढाँचों का नुकसान हुआ है। क्षेत्रों में रहने वाले कई जातीय समूहों के बीच असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है।
Manipur Violence: मिल रहा मौन समर्थन, हिंसा है जारी
पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर दो महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। जानकारी के अनुसार, मणिपुर में बच्चों सहित 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। कुछ निहित स्वार्थों की वजह से मौन समर्थन के साथ, यह जातीय हिंसा बेरोकटोक जारी है, जो दुःखद है। मणिपुर से कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भी मणिपुर में शांति बहाल करने हेतु केंद्र सरकार से अपील की है।
Manipur में शांति, एकता समाप्त होने जैसा प्रतीत
मुख्यमंत्री ने कहा दो दिन पूर्व मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ जिस तरह से बर्बरतापूर्ण व्यवहार हुआ, वह अत्यंत चिंतनीय और निंदनीय है। इस घटना ने पूरे देश को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। भारत के संविधान में देशवासियों को प्राप्त सम्मान के अधिकार को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। एक समाज को कभी भी उस हद तक नहीं जाना चाहिए, जहां लोगों को उस तरह की शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक क्रूरता का सामना करना पड़े। जैसा हमने मणिपुर में देखा है। ऐसा प्रतित होता है कि मणिपुर में शांति, एकता और न्याय समाप्त होने के कगार पर है।
Manipur Violence: कदम उठाएं महामहिम
राष्ट्रपति से मुख्यमंत्री ने पत्र में आग्रह किया है कि मणिपुर और देश के सामने संकट की इस घड़ी में हम आपको आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रूप में देखते हैं जो इस कठिन समय में मणिपुर के लोगों को रोशनी दिखा सकतीं हैं। अतः इस विकट परिस्थिति में आगे का रास्ता दिखाने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील करता हूं।
हमें अपने साथी आदिवासी भाइयों और बहनों के साथ हो रहे बर्बर व्यवहार को रोकना होगा। मणिपुर की स्थिति ठीक होनी चाहिए। मणिपुर को मरहम की ज़रूरत है। एक देश के रूप में हमें आगे आकर मदद करनी होगी।