
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष Babulal Marandi ने शनिवार को झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में आज भी गांवों की स्थिति 18वीं सदी जैसी है।
ये 18वीं सदी नहीं है, पर झारखंड के गांवों में हालात अभी भी वही हैं। सिमडेगा ज़िले के चुंदियारी गांव में एक बुज़ुर्ग महिला गंगो देवी के कमर में गंभीर चोट आई, लेकिन गांव में न सड़क थी, न स्वास्थ्य सुविधा, न एम्बुलेंस पहुँची। मजबूर परिजन खाट पर लादकर तीन किलोमीटर पैदल चले।
शर्म की… pic.twitter.com/poZR6nJNgU
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 29, 2025
उन्होंने सिमडेगा ज़िले के चुंदियारी गांव की एक पीड़ित महिला गंगो देवी का ज़िक्र करते हुए कहा कि
“कमर में गंभीर चोट लगने के बावजूद उन्हें न सड़क सुविधा मिली, न एम्बुलेंस। मजबूर परिजन उन्हें खाट पर लादकर तीन किलोमीटर पैदल अस्पताल ले गए।”
Babulal Marandi: बजट के करोड़ों कहां गए?
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के बजटीय आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए कहा:
“सरकार ने इस साल ₹3497 करोड़ स्वास्थ्य पर और ₹5300 करोड़ सड़कों-पुलों पर खर्च करने की घोषणा की थी। फिर भी न स्वास्थ्य सुविधा है, न सड़क।
पिछले साल ये राशि और भी ज़्यादा थी – ₹7223 करोड़ और ₹6389 करोड़। इतना पैसा गया कहाँ? इसका जवाब सबको पता है।”
Babulal Marandi ने भ्रष्टाचार पर किया तंज
मरांडी ने आरोप लगाया कि जब भ्रष्टाचार की बात आती है तो हेमंत सरकार सुरसा की तरह मुँह खोल लेती है, लेकिन जब जनता के अधिकार और ज़मीनी सवाल उठते हैं तो सरकार गूंगी और बहरी बन जाती है।
“ये न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि शर्मनाक भी है। एक गरीब बुज़ुर्ग महिला को इलाज के लिए खाट पर ढोना पड़ रहा है, और मुख्यमंत्री चुप हैं।”
संवेदनशीलता दिखाइए मुख्यमंत्री जी: Babulal Marandi
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राजनीति से ऊपर उठकर संवेदनशीलता दिखाने की अपील की।
“कम से कम इतना तो सुनिश्चित करें कि झारखंड में अब किसी को खाट पर ढोकर अस्पताल न जाना पड़े। यही एक ज़िम्मेदार सरकार की पहचान होती है।”
सिमडेगा की दर्दनाक घटना ने झारखंड की स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा इस मामले को लेकर आक्रामक हो चुकी है, और आने वाले दिनों में यह राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। अब देखना यह है कि हेमंत सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या ज़मीनी बदलाव लाने की दिशा में कोई ठोस पहल होती है या नहीं।



