
New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए Operation Sindoor के तहत लड़े गए तीन दिवसीय युद्ध को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सैन्य शक्ति का प्रतीक बताया जा रहा है।
OPERATION SINDOOR
Consequent to the ceasefire and airspace violations on night of 10-11 May 2025, #GeneralUpendraDwivedi, #COAS reviewed the security situation with the Army Commanders of the Western Borders.
The #COAS has granted full authority to the Army Commanders for… pic.twitter.com/kyWGwePqN0
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 11, 2025
इस युद्ध में कई स्वदेशी हथियारों और तकनीकों का प्रभावशाली उपयोग किया गया, जिससे यह लड़ाई न सिर्फ सामरिक बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता का भी उदाहरण बन गई।
Operation Sindoor: यह आत्मनिर्भर भारत का युद्ध था- पूर्व DRDO प्रमुख
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने रविवार को हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “यह युद्ध आत्मनिर्भर भारत की सोच और तकनीकी क्षमता का प्रमाण है। कई स्वदेशी तकनीकों और उपकरणों ने इसमें निर्णायक भूमिका निभाई।”
Operation Sindoor: स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम ने दिखाया दम
रेड्डी ने बताया कि इस युद्ध में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक ड्रोन हमले थे, लेकिन DRDO और भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा विकसित एंटी-ड्रोन सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया। “जब बड़ी संख्या में ड्रोन भारतीय सीमा में घुसे, तब यह प्रणाली बेहद कारगर साबित हुई,” उन्होंने कहा।
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Operation Sindoor: ब्रह्मोस मिसाइल बनी भरोसेमंद हथियार
भारत में विकसित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस इस युद्ध में निर्णायक हथियार साबित हुई। रेड्डी ने कहा, “ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल अत्यंत सटीकता और प्रभाव के साथ किया गया। यह एक विश्वसनीय और घातक हथियार साबित हुआ।” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सशस्त्र बल पहले से ही इस मिसाइल की तकनीक और संचालन में प्रशिक्षित थे, जिससे इसका रणनीतिक उपयोग आसान हुआ।
लखनऊ में बनेंगी हर साल 100-150 ब्रह्मोस मिसाइलें
रेड्डी ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में एक अत्याधुनिक ब्रह्मोस निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया है, जहां हर साल 100-150 मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा। “यह कदम आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है,” उन्होंने कहा।
‘मेक इन इंडिया’ की सैन्य सफलता की मिसाल
Operation Sindoor ने यह साबित किया है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि वह अब विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं है। यह युद्ध ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की रणनीति को सैन्य क्षेत्र में साकार करने वाला ऐतिहासिक मोड़ बन गया है।



