Ranchi: मनरेगा (MGNREGA) के अंतर्गत सीएफपी परियोजना में नवनियुक्त विषयगत विशेषज्ञों के लिए आयोजित कार्यशाला में संबोधित करते हुए मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने कहा कि सभी नवनियुक्त विषयगत विशेषज्ञों को भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशिका के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करना है। इसके लिए मनरेगा के हर पहलू को समझने के साथ ही सीएफपी परियोजना की भूमिका की भी गहन जानकारी जरूरी है।
मनरेगा अंतर्गत CFPपरियोजना में नवनियुक्त विशेषज्ञों के लिए आयोजित कार्यशाला में मनरेगा आयुक्त श्रीमती@RSB_85 ने कहा सभी विशेषज्ञों को भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशिका के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करना है।इसके लिए मनरेगा के हर पहलू को समझने व CFPपरियोजना जानकारी जरूरी है। pic.twitter.com/rdBkpb2tFh
— MGNREGA JHARKHAND (@Comm_MGNREGA_JH) December 7, 2022
उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि आपको नियमों एवं क्लस्टर फैसिलिटेशन परियोजना के तहत चयनित प्रखंडों में कुल 14 बिंदुओं पर काम करना है। जिसमें मुख्य रूप से जीआईएस आधारित वाटर शेड प्लानिंग में आई सभी योजनाओं को पूरा करना, खेती और संबंधित गतिविधियों पर कुल राशि का 60 फीसदी प्रखंड स्तर पर खर्च करना, बागवानी की योजनाओं का क्रियान्वयन कराना, सभी वांछित परिवारों को जिला के औसत से कम से कम 10 फीसदी ज्यादा काम देना, सभी एफटीओ का सृजन मस्टर रोल के आखिरी तारीख से आठवें दिन तक करना शामिल है।
MGNREGA: प्रशिक्षण सत्र में मनरेगा निर्देशिका की बारीकियों को समझने में मिलेगी मदद
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए मनरेगा आयुक्त ने कहा कि ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित 5 दिवसीय इस कार्यशाला में नवनियुक्त विषयगत विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान उन्हें मनरेगा के प्रावधानों एवं श्रमिक हितग्राही के अधिकार, कार्य व दायित्व, के सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला मनरेगा योजना की बारीकियों को समझने में काफी मददगार होगा।
सीएफपी परियोजना को राज्य के 23 जिलों के 51 प्रखंडों में लागू किया जा रहा है। सीएफपी से योजनाएं अब अधिक सशक्त होंगी। योजनाओं को जीआईएस आधारित तैयार किया जाएगा। साथ ही क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाई जा सकेंगी। योजनाओं की प्लानिंग में विषयगत विशेषज्ञों आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएफपी से समस्याओं को प्रखंड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक निष्पादन किया जा सकेगा और आजीविका से संबंधित कार्यक्रमों से 65 प्रतिशत योजनाओं को जोड़ा जा सकेगा।
इसके अलावा आजीविका से जुड़े प्रोग्राम का विश्लेषण भी संभव हो जायेगा। उन्होंने बताया कि सीएफपी के मनरेगा से जुड़ने के बाद एसेट मैनेजमेंट आसानी से होगा और योजनाओं को निर्माण से लेकर उसकी उपयोगिता तक की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
रोल मॉडल बनें : MGNREGA आयुक्त
मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने सभी नवनियुक्त विषयगत विशेषज्ञों से कहा कि वे अपने उत्कृष्ट दायित्व निर्वहन से रोल मॉडल बनें। उन्होंने विषयगत विशेषज्ञों से ज्यादा से ज्यादा फील्ड विजिट करने को कहा। योजना क्रियान्वयन की जियो टैगिंग करने पर बल दिया।
इस मौके पर मास्टर ट्रेनर श्री निहार रंजन, श्री ठाकुर गौरी शंकर- लेक्चरर-व्याख्याता अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।