नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से महाराष्ट्र के सभी मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की है।
How to steal an election?
Maharashtra assembly elections in 2024 were a blueprint for rigging democracy.
My article shows how this happened, step by step:
Step 1: Rig the panel for appointing the Election Commission
Step 2: Add fake voters to the roll
Step 3: Inflate voter… pic.twitter.com/ntCwtPVXTu— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2025
उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उसे सभी रिकॉर्ड और फुटेज सार्वजनिक रूप से जारी करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
Rahul Gandhi की प्रमुख मांगें:
- महाराष्ट्र के सभी मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे के बाद की सीसीटीवी फुटेज जारी की जाए।
- डिजिटल और मशीन से पढ़े जा सकने योग्य (machine-readable) मतदाता सूची सार्वजनिक की जाए।
- चुनावों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए स्पष्ट और दस्तावेजित जवाब दिए जाएं।
राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“प्रिय निर्वाचन आयोग, आप एक संवैधानिक संस्था हैं। गंभीर सवालों के जवाब में बिना हस्ताक्षर के अस्पष्ट नोट्स जारी करना आपकी गरिमा के अनुकूल नहीं है। सत्य बोलना ही आपकी विश्वसनीयता को बचा सकता है, टालमटोल नहीं।”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया:
सूत्रों के हवाले से निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस नेता के आरोपों को “पूरी तरह बेबुनियाद और राजनीतिक बदनामी फैलाने वाला” बताया।
आयोग ने कहा कि:
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुल 6.4 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
- औसतन हर घंटे करीब 58 लाख वोट डाले गए, जिससे चुनाव प्रक्रिया की दक्षता और पारदर्शिता साबित होती है।
- राजनीतिक दलों के हजारों प्रतिनिधि और स्वतंत्र पर्यवेक्षक चुनावों की निगरानी करते हैं।
‘मैच फिक्स चुनाव लोकतंत्र के लिए ज़हर’: Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने लिखा:
“मैच फिक्स चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर हैं। इससे जनता का भरोसा टूटता है और संस्थाएं कमजोर होती हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि:
- फर्जी मतदाता जोड़े गए।
- वोटिंग प्रतिशत को कृत्रिम रूप से बढ़ाकर दिखाया गया।
- फर्जी मतदान की अनुमति दी गई और बाद में सबूतों को छुपाया गया।
विपक्ष की मांगें और सियासी असर:
कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दल लंबे समय से ईवीएम की निष्पक्षता, मतदाता सूची की पारदर्शिता और चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर सवाल उठाते आए हैं। Rahul Gandhi का यह बयान न केवल चुनाव प्रणाली पर बहस को फिर से जीवित करता है, बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक ध्रुवीकरण को भी गहराता है।
राहुल गांधी की यह मांग चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। अब सबकी निगाहें आयोग की अगली प्रतिक्रिया और विपक्ष के संभावित आंदोलन पर टिकी हैं। अगर आयोग फुटेज और डाटा सार्वजनिक करता है तो यह एक अभूतपूर्व कदम होगा, जो भारत की चुनावी पारदर्शिता को एक नई दिशा दे सकता है।



