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जातीय जनगणना सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम: Sudesh Mahto

Ranchi: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष श्री Sudesh Mahto ने केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के ऐतिहासिक और दूरदर्शी फैसले की सराहना की है।

इस निर्णय को सामाजिक समानता, न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए उन्होंने इसे भारत के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाला कदम करार दिया।

देश में मूल जनगणना के साथ ही ‘जातीय जनगणना’ कराने के केंद्र सरकार के फ़ैसले से सामाजिक न्याय का अध्याय अत्यंत मजबूत होगा। यह देश के एक एक आम जनमानस की माँग थी। इससे भविष्य का भारत बनाने में एक बड़ा आधार मिलेगा।

श्री महतो ने कहा है कि आजसू पार्टी ने समय-समय पर लगातार जातीय जनगणना की मांग उठाई है और यह फैसला पार्टी के दीर्घकालिक संघर्ष और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है।

हमारी पार्टी ने अपने अधिवेशन में भी इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया है। यह हमारी मुख्य माँग रही है।

श्री महतो ने अपने बयान में कहा, “केंद्र सरकार का जातीय जनगणना कराने का फैसला सामाजिक न्याय के प्रति उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता को दर्शाता है। हम फैसले का स्वागत करते हैं ।

आजसू पार्टी ने विगत कई वर्षों से विभिन्न मंचों, जनसभाओं और आंदोलनों के माध्यम से जातीय जनगणना की आवश्यकता पर बल दिया है। हमारा मानना रहा है कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, जहां सामाजिक और आर्थिक असमानताएं जटिल चुनौतियां पेश करती हैं, जातीय जनगणना के बिना समावेशी विकास और सामाजिक न्याय संभव नहीं है।

यह फैसला न केवल हमारे इस संघर्ष को मान्यता देता है, बल्कि यह देश के करोड़ों वंचित और हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।

उन्होंने झारखंड के संदर्भ में इस निर्णय के महत्व को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए कहा, “झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जहां आदिवासी, दलित, पिछड़े, अलसंख्यक और अन्य वंचित समुदायों ने ऐतिहासिक रूप से सामाजिक-आर्थिक उपेक्षा का सामना किया है।

आजसू पार्टी ने हमेशा इन समुदायों की आवाज को बुलंद किया और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया है। हमने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि बिना जातीय जनगणना के इन समुदायों की सटीक जनसंख्या, उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति और उनकी जरूरतों को समझना असंभव है।

यह फैसला झारखंड के इन समुदायों के लिए एक नया द्वार खोलेगा, जिससे सरकारी योजनाएं और संसाधन उन तक प्रभावी ढंग से पहुंच सकेंगे।

श्री महतो ने जातीय जनगणना के व्यापक प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह जनगणना केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन और समानता का एक आंदोलन है। इसके आंकड़े नीति निर्माण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे।

यह हमें यह समझने में मदद करेगा कि कौन से समुदाय शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। यह फैसला हमें यह जानने में सक्षम बनाएगा कि किन समुदायों को शैक्षिक छात्रवृत्तियों, कौशल विकास कार्यक्रमों या विशेष आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।

इसके अलावा, यह सामाजिक एकता को बढ़ावा देगी और हाशिए पर मौजूद समुदायों को अपनी पहचान और अधिकारों के प्रति जागरूक होने का अवसर प्रदान करेगी।

उन्होंने आजसू पार्टी के योगदान को याद करते हुए कहा, “हमारी पार्टी ने हर मोर्चे पर जातीय जनगणना की मांग को उठाया है।

चाहे वह विधानसभा में चर्चा हो, जनसभाओं में जनजागरण हो, या सामाजिक संगठनों के साथ सहयोग, आजसू ने इस मुद्दे को हमेशा प्राथमिकता दी है। हमारा मानना है कि सामाजिक न्याय तभी संभव है जब समाज के हर वर्ग की वास्तविक स्थिति को समझा जाए और उनके लिए लक्षित नीतियां बनाई जाएं।

केंद्र सरकार का यह फैसला हमारी इस मांग को स्वीकार करने का प्रमाण है, और हम इसे अपने संघर्ष की जीत मानते हैं। आजसू पार्टी इस ऐतिहासिक फैसले का पूर्ण समर्थन करती है और केंद्र सरकार से आग्रह करती है कि जातीय जनगणना को समयबद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए।

श्री महतो ने इस प्रक्रिया में सभी हितधारकों, विशेष रूप से स्थानीय समुदायों, सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि आंकड़ों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आजसू पार्टी इस प्रक्रिया में हर स्तर पर सक्रिय सहयोग प्रदान करेगी और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रेरित करेगी।

श्री महतो ने समाज के सभी वर्गों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवाओं और मीडिया से इस पहल का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा, “जातीय जनगणना केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समानता और सशक्तिकरण का एक मिशन है।

यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस प्रयास को सफल बनाएं और एक ऐसे भारत का निर्माण करें जहां हर व्यक्ति को उसका हक, सम्मान और अवसर प्राप्त हो।

श्री महतो ने केंद्र सरकार को इस साहसिक और प्रगतिशील निर्णय के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है की आजसू पार्टी सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के अपने संकल्प को दोहराती है।

हम केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस ऐतिहासिक पहल को साकार करने में योगदान देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह फैसला न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक समृद्ध, समान और प्रगतिशील भारत की नींव रखेगा।

 

 

 

 

यह भी पढ़े: Caste Census को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

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