Trump के 25% टैरिफ से भारत के इन सेक्टरों पर भारी बोझ, GDP को 0.2-0.5% तक नुकसान का अनुमान
किन सेक्टरों पर सबसे ज्यादा असर?

DonaldTrump: अमेरिका द्वारा भारत के सभी आयातित सामान पर 25% टैरिफ लागू करने से सबसे ज़्यादा असर इन सेक्टरों पर पड़ेगा:
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ऑटोमोबाइल्स और कलपुर्जे:
टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज जैसी कंपनियों की प्रमुख अमेरिकी ऑर्डर घटेंगी, जिससे भारत में रोजगार घटने की आशंका है। -
इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफ़ोन:
Apple iPhone, स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबलिंग से जुड़े निर्यातक कंपनियों पर सीधा दबाव—कीमतें 25% महंगी और अमेरिकी शिपमेंट में गिरावट की आशंका। -
टेक्सटाइल और परिधान:
लगभग $11 अरब के टेक्सटाइल निर्यात (2024 के आंकड़े) पर बड़ा असर। अमेरिका में भारतीय गारमेंट्स पर लागत बढ़ेगी, जिससे बांग्लादेश और वियतनाम को फायदा मिल सकता है। उच्च-मूल्य और फैशन वस्त्रों में भारत की हिस्सेदारी कम हो सकती है। -
रत्न और आभूषण (जेम्स एंड ज्वेलरी):
$12 अरब की निर्यात इंडस्ट्री—30% अमेरिकी बाजार में—पर नई ड्यूटीज़ के कारण मार्जिन बहुत घटेंगे, कई अमेरिकी ऑर्डर कट सकते हैं। -
फार्मा और जेनेरिक दवाएं:
फार्मास्यूटिकल्स की US निर्यात पर भी इस बार आंशिक असर का खतरा; पहले यह कई बार टैरिफ लिस्ट से बाहर रहा, लेकिन अब वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई है। -
सौर मॉड्यूल, स्टील, एल्युमिनियम और समुद्री उत्पाद:
इन सभी के निर्यात पर सीधे तौर पर कीमतें 25% बढ़ जाएंगी, जिससे उत्पाद कम आकर्षक होंगे; अमेरिकी खरीदार अन्य देशों (लैटिन अमेरिका, साउथईस्ट एशिया) की ओर शिफ्ट हो सकते हैं।
Trump Tax: क्या छूट मिलेगी?
Trump Tax: GDP पर क्या असर?
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GDP घटने का अनुमान:
प्रमुख अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर अमेरिकी टैरिफ वित्त वर्ष 2026 तक जारी रहे तो भारत की GDP 0.2% से 0.5% तक प्रभावित हो सकती है। -
IMF का ताजा अनुमान:
IMF ने जुलाई 2025 में भारत की GDP वृद्धि का अनुमान FY26 के लिए 6.4% रखा है—पिछले महीने के अनुमान से हल्का ऊपर। IMF का ये भी कहना है कि टैक्स/टैरिफ के लंबे असर के बावजूद भारत के पास घरेलू मांग, संरचनात्मक सुधार, और नए बाज़ारों की तलाश जैसे पॉजिटिव फैक्टर हैं।
परंतु, अगर टैरिफ लंबा चला तो GDP ग्रोथ अनुमान में 20-50 बीपीएस तक गिरावट आ सकती है।
विश्लेषण और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
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भारत के वाणिज्य मंत्रालय और सरकार का कहना है कि प्रभाव का ‘अध्ययन’ किया जा रहा है और आने वाले समय में द्विपक्षीय समझौते के आसार बने हैं।
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विशेषज्ञों की राय है—अगले कुछ महीनों में भारत-अमेरिका ‘ट्रेड डील’ को अंतिम रूप देना जरूरी है, ताकि भारतीय इंडस्ट्री को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा जाए।
ट्रम्प के 25% टैरिफ का सीधा असर—टेक्सटाइल, ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स, गहने, समुद्री उत्पाद, स्टील, ऐल्युमिनियम सेक्टरों—पर सबसे तेज़ महसूस होगा। भारत की GDP में भी 0.2%-0.5% तक दबाव आ सकता है, जोकि एक्सपोर्ट पर निर्भर राज्यों और कंपनियों के लिए बड़ा सरप्राइज है। अगर समाधान नहीं निकला, तो भारतीय निर्यात की रफ्तार पर स्थायी असर संभव है।



