Ranchi: BJP News: पूर्व कृषि मंत्री रंधीर सिंह ने कहा कि कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग को हेमंत सरकार ने लूट का चारागाह बनाकर रख दिया है। सरकार द्वारा 4 साल की उपलब्धियों को झूठा बखान किया जा रहा है।
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कृषि पशुपालन और सहकारिता विभाग को हेमंत सरकार ने बना दिया लूट का चारागाह – रणधीर सिंह ! https://t.co/4SEwD1Ed1M— 1st report live (@firstreportlive) January 17, 2024
सरकार पूरी तरह फेल है। किसान और जनविरोधी इस सरकार का जाना ही राज्यहित में है। श्री सिंह उपरोक्त विभाग में हेमंत सरकार की 4 साल की नाकामियों और कारगुजारियों पर आयोजित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बोले रहे थे।
BJP News: इस सरकार ने कई योजनाओं को बंद कर दिया
श्री सिंह ने कहा कि कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के मामले में हेमंत सरकार के 4 साल को देखा जाए तो पूर्व की रघुवर सरकार ने जो रोडमैप तैयार किया था इस सरकार ने कई योजनाओं को बंद कर दिया तो कई का स्वरूप बदलने का काम किया गया। रघुवर दास की सरकार में चालू कृषि आर्शीवाद योजना के तहत 5000 से लेकर 25000 रूपये सीधे किसानों के खाते में पैसे जा रहे थे, हेमंत सरकार आई तो सबसे पहले बंद किया गया।
भारत सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि में रघुवर सरकार के समय धीरे-धीरे करके 28 लाख से अधिक किसानों का डाटा अपलोड हुआ था, उनके खातों में पैसा गया जब हेमंत सरकार के दौरान 15 वीं किस्त जारी की गई तो मात्र 12 लाख किसानों के खाते में ही पैसा आया। लगभग 16 लाख किसानों का नाम डाटा से हटने के कारण ये पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित हो गये।
BJP News: 2022 और 2023 में सुखाड़ हुआ, पीड़ितों को अपेक्षित लाभ नहीं मिला
हेमंत सरकार बतलायें कि इसके लिए कौन जिम्मेवार हैं और किसानों की क्या गलती थी ? रघुवर सरकार में चलाई गई पीएम फसल बीमा योजना को हेमंत सरकार ने पहली कैबिनेट में ही बंद कर दिया। राज्य सरकार ने इसके बदले अपने स्तर से अलग बीमा चलाने का वादा किया था 4 साल में उसका अता पता नहीं है। 2022 और 2023 में सुखाड़ हुआ, पीड़ितों को अपेक्षित लाभ नहीं मिला। राज्य सरकार तो केन्द्र सरकार से ससमय आग्रह तक नहीं कर सकी कि राज्य में सुखाड़ हुआ है हमें राशि दीजिए।
आपदा प्रबंधन के 1000 करोड़ रूपये सरकार के खातों में पड़े हुए हैं,किसानों को लाभ नही ंमिल रहा है। किसानों को 2 लाख रूपये तक की कर्ज माफी की घोषणा भी फिसड्डी साबित हुई। 4.5 लाख किसानों का खाता डिफाॅल्ड हो गया था, उनका तो कर्ज माफी ही नहीं हुआ।
BJP News: कृषि विभाग में मात्र 28 प्रतिशत, पशुपालन में मात्र 8 प्रतिशत ही राशि खर्च हो पाया है
श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के 10 महीने में 3993 करोड़ रूपये बजट में उपरोक्त सभी विभागों को मिलाकर 614 करोड़ रूपये ही खर्च हो पाए। कृषि विभाग में मात्र 28 प्रतिशत, पशुपालन में मात्र 8 प्रतिशत ही राशि खर्च हो पाया है। काॅपरेटिव में खाते में सिर्फ पैसा डाला गया है, खर्च नहीं हुआ है। आंकड़ों की बाजीगरी की गई है। 1600 करोड़ की राशि का तो राज्यादेश भी नहीं निकल पाया है। जब 10 महीना में योजना ही स्वीकृत नही ंतो 2 महीने में क्या काम होगा, समझा जा सकता है।
इस वर्ष के कर्ज माफी के कुल 714 करोड़ रूपये में से 435 करोड़ रूपये यह सरकार सरेंडर करने जा रही है। भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही 23 स्कीमों में जिसमें राज्य सरकार का भी अंशदान होता है उसमें खर्च जीरो है। राज्य सरकार के स्तर से चलाई जाने वाली 65 योजनाओं का भी हाल खस्ता है। अब समझा जा सकता है कि हेंमत सरकार किसानों की कितनी हितैषी है ? घोषणा पत्र में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सारे दावे फिसड्डी साबित हुए हैं।
BJP News: किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है
झामुमो ने 2800 रूपये तो कांग्रेस ने 3500 रूपये प्रति क्विंटल की बात कही थी। आज धान क्रय केन्द्र तक खोलने में सरकार विफल है, इस कारण बिचैलियों हावी हैं। किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा किसान समृद्धि केन्द्र खोलने में भी राज्य सरकार आनाकानी कर रही है। रघुवर सरकार में लाई गई दो गाय बांटने, बकरी पालन सहित कई योजनाओं की सब्सिडी को इस सरकार ने घटा दिया है।
मछली उत्पादन, दूध प्रोसेसिंग प्लांट में भी रघुवर सरकार ने बेहतर काम किया, पंरतु हेमंत सरकार इसमें भी फिसड्डी साबित हुई है। दूध प्रोसेसिंग प्लांट में रघुवर सरकार की योजना का श्रेय लेकर अपनी पीठ थपथपाने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को राहत के नाम पर 3500 रूपये देना उंट के मुंह में जीरा समान है। यह राशि भी सही तरीके से खाते में नहीं जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि मंत्री, सचिव के घर पर जाते हैं, जूनियर को सीनियर अधिकारी बना दिया गया है।
एक ही पदाधिकारी को पांच जिले का प्रभार दिया गया है। किसान सहित पूरे राज्य के लोग इस सरकार से उब चुके हैं। राज्य की जनता चाहती है कि कब यह निकम्मी सरकार जाये और झारखंड में डबल इंजन की सरकार आये। डबल इंजन की सरकार ही राज्य का विकास कर सकती है।
BJP News: हेमंत सरकार की नीति और नीयत कुछ भी स्पष्ट नहीं : अनंत ओझा
वहीं मौके पर मुख्य सचेतक सह राजमहल के विधायक श्री अनंत ओझा ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में कुल बजट का मात्र 28 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है। इस सरकार की नीति और नीयत कुछ भी स्पष्ट नहीं है। राज्य सरकार रोना रोती है कि भारत सरकार द्वारा राज्य को राशि नहीं दी जाती है वहीं दूसरी ओर लिखित तौर पर स्वीकारती है कि वह केन्द्र सरकार द्वारा मिली हुई राशि को खर्च नहीं कर पाती है। केन्द्र सरकार की अधिकांश योजनाओं से इस सरकार ने राज्य के किसानों को, जनता को उपेक्षित करने का काम किया है।
राज्य सरकार द्वारा कतिपय कारणों का हवाला देकर भूमि अभिलेख का सत्यापन नहीं होने से 8 लाख 49 हजार 61 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित होना पड़ा। यह विधानसभा के अंदर 03 अगस्त 2023 को राज्य सरकार द्वारा लिखित तौर पर स्वीकारा गया है। इसकी जिम्मेवारी हेमंत सरकार को लेनी चाहिए। इस सरकार में पूरे प्रदेश में खनन एवं भूतत्व विभाग में लूट किसी से छिपा नहीं है। बालू लूट, खनिज लूट का मामला जगजाहिर है।
पूरे राज्य में कोई ऐसा जिला नहीं है जहां साहेबगंज जैसी लूट की घटना नहीं हुई है। कहीं बालू, कहीं खनिज, कहीं पत्थर की लूट बदस्तूर जारी है। इस लूट पर जब जांच एजेंसियां कार्रवाई करती हैं तो उनको डराने-धमकाने का प्रयत्न भी सत्ता संरक्षण में चल रहा है। पूर्व में जिस प्रकार यूपीए सरकार ने एक निर्दलीय के हाथों में राज्य की सत्ता सौंपकर इस प्रदेश को कलंकित करने का काम किया था फिर से झारखंड को झामुमो, कांग्रेस, राजद की गठबंधन सरकार द्वारा बदनाम झारखंड लूटखंड बनाने का काम हुआ है।
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