Ranchi: झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष Bandhu Tirkey ने कहा है कि झारखण्ड विधानसभा में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी द्वारा कहे गये अवांछित वक्तव्य को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्पंज करने के बाद भी भाजपा के नेता, कार्यकर्ता के साथ ही विशेष रूप से उसके अनुसूचित जाति, जनजाति के मंत्री, पदाधिकारी, सांसद, विधायक जिस प्रकार से तूल दे रहे हैं वह इस बात का प्रमाण नहीं है कि भाजपा के दिल में आदिवासियों के प्रति सद्भावना है.
मणिपुर की घटना कितनी निंदनीय है और देश के लिये यह कितनी घातक है: Bandhu Tirkey
Bandhu Tirkey ने कहा कि, यदि भाजपा नेता आदिवासियों के इतनी ही बड़े हितैषी हैं तो मणिपुर के मामले में भी उन्हें खुलकर अपनी बातों को रखना चाहिये और यह बताना चाहिये कि मणिपुर की घटना कितनी निंदनीय है और देश की अखंडता व सांप्रदायिक सद्भाव के लिये यह कितनी घातक है.
उन्होंने कहा कि, मणिपुर में केवल जनजातीय समाज की महिला की मान-मर्यादा को ही नहीं कुचला गया बल्कि वहाँ लोगों के जान-माल की भी जितनी अधिक क्षति हुई है वह अपने आप में जघन्य एवं अद्वितीय है. मणिपुर राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार अबतक 142 लोगों की जान जा चुकी है जबकि अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतकों की संख्या 350 से ज्यादा हो गयी है.
दंगे में हजारों आदिवासी परिवारों के घर जला दिये गये: Bandhu Tirkey
Bandhu Tirkey ने कहा कि हजारों आदिवासी परिवार अपने घरों से विस्थापित कर दिये गये हैं और वे उन अस्थाई शिविरों में रहने को विवश हैं जहाँ खाने-पीने जैसे जरूरी आधारभूत सुविधायें भी नहीं है. यहाँ तक कि बीमार होने की स्थिति में उन्हें दवा तक के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है. श्री तिर्की ने कहा कि दंगे में हजारों आदिवासी परिवारों के घर जला दिये गये तोड़े गये या फिर उन्हें ध्वस्त कर दिया गया जबकि अनेक परिवार तो बरसात के इस मौसम में जंगल में पेड़ के नीचे रहने को मजबूर कर दिये गये.
मणिपुर के 16 में से 10 जिलों में अलग-अलग समुदायों का आपसी संघर्ष विचलित करनेवाला है: Bandhu Tirkey
इस विकट स्थिति में मणिपुर के लोगों के रोजी-रोजगार की बात करना भी दूर की कौड़ी है. मणिपुर के 16 में से 10 जिलों में अलग-अलग समुदायों का आपसी संघर्ष विचलित करनेवाला है. वहाँ सभी समुदाय जवाबी विरोध प्रदर्शन, नाकेबंदी आदि में व्यस्त हैं लेकिन केन्द्र और मणिपुर की भाजपा सरकार का ध्यान केवल और केवल अपने वोट बैंक को दुरुस्त करने पर है.
उन्होंने कहा कि ऐसी विकट स्थिति में भी मणिपुर की भाजपा सरकार को बर्खास्त कर वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू न करने के कारण मोदी सरकार के सामने अनेक प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं.
मणिपुर की घटना को तोड़-मरोड़ कर अपना वक्तव्य दे रहे हैं: Bandhu Tirkey
श्री तिर्की ने कहा कि इतनी विकट स्थिति में भी यदि भाजपा के मंत्री, पदाधिकारी, सांसद, विधायक, नेता और इसके कार्यकर्ता, संवेदना एवं भावना से भरे अपने कुछेक बातों को ही बोल देते तो इससे भी लोगों को कुछ राहत होती लेकिन उन्होंने तो खामोशी ओढ़ ली है और मणिपुर की घटना को तोड़-मरोड़ कर अपना वक्तव्य दे रहे हैं जो सच के साथ ही समझ से भी परे है.
श्री तिर्की ने भरोसा जताया कि न केवल केंद्र की मोदी सरकार बल्कि भाजपा के लोग, विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति के भाजपाई नेता-कार्यकर्त्ता, मणिपुर पर अपना संवेदनापूर्ण वक्तव्य देंगे और वे केवल अख़बार में अपना नाम छपवाने या अपने वोट बैंक को दुरुस्त करने की मानसिकता से बाज आयेंगे.