
रांची, 30 जून — JMM: हूल दिवस के मौके पर झारखंड के भोगनाडीह में हुई घटनाओं को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने कड़ा पलटवार किया है।
पार्टी के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने साफ तौर पर कहा कि भाजपा राज्य में शांति भंग करने की साजिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि हूल दिवस के मौके पर श्रद्धा और सम्मान के साथ कार्यक्रम आयोजित हुआ, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने सुनियोजित ढंग से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। प्रशासन ने संयम और संवेदनशीलता से स्थिति को नियंत्रित किया। जो लोग माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा कर रही है झूठा प्रचार, विपक्ष की भूमिका को निभाए ज़िम्मेदारी से: JMM
विनोद पांडेय ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि भाजपा जानबूझकर झूठे आरोपों के ज़रिए जनता को भड़काने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “राज्य में कानून का शासन है। भाजपा को चाहिए कि गैर-जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका छोड़कर जनहित के मुद्दों पर रचनात्मक सुझाव दे।” झामुमो सरकार ने सदैव आदिवासियों की अस्मिता, इतिहास और अधिकारों की रक्षा को सर्वोपरि रखा है।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह हूल दिवस जैसे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अवसर का राजनीतिकरण कर रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हूल आंदोलन झारखंड की आत्मा है, इसे किसी भी दल के राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
असामाजिक तत्वों पर होगी सख्त कार्रवाई: JMM
झामुमो प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा कि चाहे कोई किसी भी राजनीतिक दल या विचारधारा से जुड़ा हो, अगर वह कानून को अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। “हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, लेकिन अराजकता की इजाजत नहीं दी जाएगी।” सरकार हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में शांति व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि “चंद लोगों की नादानी के कारण पूरे राज्य की शांति और सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता।” झारखंड की जनता अब समझ चुकी है कि कौन उनके अधिकारों की रक्षा करता है और कौन उन्हें भटकाने का प्रयास करता है।
हूल दिवस को लेकर JMM का स्पष्ट संदेश: राजनीति नहीं, संकल्प का प्रतीक
हूल दिवस पर राज्य सरकार की ओर से यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यह दिन राजनीतिक बयानबाज़ी के लिए नहीं, बल्कि संकल्प और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। झामुमो ने इस अवसर पर सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो जैसे वीरों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।



