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BJP ने NEET परीक्षा के मुद्दे पर Congress के प्रदर्शन को बताया नौटंकी

झारखंड में जेसीसीसी की परीक्षा में ₹25- ₹25 लाख में बिके प्रश्न पत्र के मुद्दे पर कांग्रेस मौन, नीट छात्रों के लिए घड़ियाली आंसू - प्रतुल शाह देव

Ranchi: BJP के प्रदेश प्रवक्ता Pratul Shah Deo ने कांग्रेस के द्वारा नीट के मुद्दे पर हुए प्रदर्शन को नौटंकी करार दिया।प्रतुल ने कहा कि झारखंड में जेएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा में ₹ 25-₹25 लाख में प्रश्न पत्र लीक करने का मामला सामने आया।

कांग्रेस का हाथ पेपर लीक करने वाले गिरोह के साथ: BJP Pratul Shah Deo

उस समय कांग्रेस खामोश रही।उसके ठीक पहले जूनियर इंजीनियर की परीक्षा में भी प्रश्न पत्र लीक हुआ था और परीक्षा रद्द करनी पड़ी। उस समय भी कांग्रेस को सांप सूंघ गया था।लगातार प्रश्न पत्र लीक के मुद्दे पर कांग्रेस की चुप्पी कहीं ना कहीं कांग्रेस का हाथ पेपर लीक करने वाले गिरोह के साथ होने की ओर इशारा कर रही है। तेजस्वी यादव के पीए प्रीतम पर भी सिकंदर यदुवंदी के साथ नीट के प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप पर भी कांग्रेस आश्चर्यजनक रूप से खामोश है।

प्रतुल ने कहा कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने साफ कहा है कि .001% छात्रों के साथ भी अन्याय नहीं होगा. सरकार न्यायालय के आदेश के अनुसार चलेगी। केंद्र सरकार पटना पुलिस के भी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है जहां प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगा था।

प्रतुल ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।तभी नेट की परीक्षा रद्द हो गई और इसकी सीबीआई जांच की शुरुआत भी हो गई है। वहीं दूसरी तरफ झारखंड में स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्न पत्र लीक में गठित एसआईटी ने सिर्फ प्यादों की गिरफ्तारी की थी।असली मास्टरमाइंड आज भी उनकी पकड़ से बाहर है।जाहिर तौर पर उसे सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।

कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी और पोषक: BJP Pratul Shah Deo

कांग्रेस के पास घोटाले की एक लंबी लिस्ट है।जीप घोटाला से जो शुरुआत होती है वह 2G ,3G ,4G, जीजाजी ,कॉमनवेल्थ समेत अनेक घोटाला में भी समाप्त नहीं होती है। यह वही कांग्रेस है जिसने अपनी ही सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में अपने ही तीन विधायकों के खिलाफ अपने ही एक अन्य विधायक से मुकदमा करके उन्हें जेल भिजवाया था। मंत्री आलमगीर आलम पर ₹3000 करोड़ के टेंडर कमीशन घोटाले का आरोप लगा।

उसके बावजूद भी उनका इस्तीफा लेने में लगभग एक महीने का समय लगा दिया गया। जेल में बंद होने के बावजूद आज तक कांग्रेस ने उनको ना तो निलंबित किया ना स्पष्टीकरण मांगा। यह साफ है कि कहीं ना कहीं कांग्रेस भी इस लूट के खेल में उपकृत होती थी। प्रदेश की जनता जानती है कि भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस का क्या रवैया और इतिहास रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

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