
राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने Prashant Kishor ने बिहार की मौजूदा राजनीति पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने लालू यादव, नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक साथ निशाने पर लेते हुए कहा कि इन तीनों ने मिलकर बिहार की जनता को जाति और भोजन के मुद्दों में उलझा दिया है। जन सुराज उद्घोष यात्रा के तहत प्रशांत किशोर सारण जिले के दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने मढ़ौरा में जनसभा को संबोधित किया।
जाति और अनाज की राजनीति में उलझे लोग: Prashant Kishor
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से लालू यादव और नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति को जातीय समीकरणों में फंसा रखा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को पांच किलो अनाज देकर वोट बटोर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार के लोग अपने असली मुद्दे, जैसे शिक्षा और रोजगार, पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक प्रदेश की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा।
गुजरात के विकास के नाम पर वोट दिया, अब बिहार के लोग वहां मजदूरी कर रहे: Prashant Kishor
पीके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार के लोगों ने गुजरात के विकास की कहानी सुनकर उन्हें वोट दिया, लेकिन नतीजा यह हुआ कि अब उनके बच्चे गुजरात में मजदूरी करने को मजबूर हैं और वहां विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ने जिन नेताओं को सत्ता दी, उन्होंने अपने राज्यों को तो आगे बढ़ा दिया, लेकिन बिहार को उसी हाल में छोड़ दिया।
चीनी मिल बंद, लेकिन जाति के आधार पर जीतते हैं विधायक: Prashant Kishor
प्रशांत किशोर ने मढ़ौरा की बंद पड़ी चीनी मिल का जिक्र करते हुए कहा कि यह वर्षों से ठप है, लेकिन जाति आधारित वोटिंग की वजह से विधायक लगातार जीतते जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे वोट डालने से पहले अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखें, ताकि बिहार का विकास हो सके।



