
पटना/नई दिल्ली: Bihar सरकार ने नीति आयोग को पत्र लिखकर केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार का अंशदान 90 फीसदी करने का अनुरोध किया है।
नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक से पहले यह मांग औपचारिक रूप से आयोग को भेजी गई थी। योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने इस आशय की जानकारी दी।
Bihar News: वित्तीय पैटर्न में बदलाव से बिहार को हो रहा नुकसान
मंत्री यादव ने बताया कि पहले राष्ट्रीय विकास एजेंडा से जुड़ी योजनाओं में केंद्र और राज्य के बीच 75:25 या 90:10 के अनुपात में फंडिंग होती थी। लेकिन अब अधिकांश योजनाओं में यह अनुपात 60:40 या यहां तक कि 50:50 कर दिया गया है, जिससे राज्यों को अपेक्षाकृत कम फंड प्राप्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इस बदलाव के कारण बिहार को अपनी प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं। राज्य के सतत विकास के लिए केंद्र को अधिक आर्थिक योगदान देना चाहिए।”
Bihar News: ‘विकसित बिहार 2047’ के लिए तीन चरणों में लक्ष्य निर्धारण
बिहार सरकार ने ‘विकसित बिहार 2047’ योजना के तहत तीन चरणों में लक्ष्यों का निर्धारण किया है:
- अल्पकालीन लक्ष्य: 2030 तक
- मध्यकालीन लक्ष्य: 2035 तक
- दीर्घकालीन लक्ष्य: 2047 तक
राज्य सरकार का अनुमान है कि इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अगले 10 वर्षों में 15.68 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
Bihar News: विशेष रणनीति की जरूरत
बिहार सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि तेजी से प्रगति कर रहे राज्यों के लिए विशेष रणनीति बनाई जाए और उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार अधिक वित्तीय सहायता दी जाए। विशेष रूप से पूर्वोदय योजना के अंतर्गत बिहार जैसे राज्यों को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।
नीति आयोग की बैठक में रखे गए अहम मुद्दे
गौरतलब है कि शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बिहार सरकार की यह मांग उस बैठक में एक अहम मुद्दा बनकर उभरी।



