नई दिल्ली/रांची | Bihar Chunav 2025 की सरगर्मियों के बीच, ‘इंडिया’ गठबंधन में एक बड़ा भूचाल आ गया है, जिसका केंद्र पटना नहीं, बल्कि रांची बना हुआ है।
बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर तेजस्वी यादव (RJD) और हेमंत सोरेन (JMM) के बीच बात इस कदर बिगड़ी है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार चुनाव से अपने हाथ खींच लिए हैं।
JMM के इस फैसले से न सिर्फ बिहार में ‘महागठबंधन’ की मुश्किलें बढ़ गई हैं, बल्कि झारखंड की सियासत में भी तूफान खड़ा हो गया है। चर्चा ‘सोरेन-तेजस्वी डील’ की नहीं, बल्कि ‘सोरेन-तेजस्वी’ के बीच हुए ‘धोखे’ की हो रही है।
Bihar Chunav: क्या है पूरा मामला: 6 सीटों से लेकर ‘जीरो’ तक
सूत्रों के मुताबिक, JMM बिहार के सीमावर्ती और आदिवासी बहुल इलाकों (जैसे चकाई, कटोरिया, जमुई) में कम से कम 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहता था। पार्टी ने कुछ दिन पहले इन 6 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया था, जिससे ‘इंडिया’ गठबंधन में खलबली मच गई थी।
लेकिन, सोमवार (20 अक्टूबर) को, जो दूसरे चरण के नामांकन का आखिरी दिन था, JMM ने एक नाटकीय यू-टर्न लेते हुए घोषणा की कि वह बिहार में एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
झारखंड में ‘हंगामा’ क्यों? RJD पर ‘धोखे’ का आरोप
बिहार चुनाव से JMM के बाहर होने का सीधा असर झारखंड की राजनीति पर दिख रहा है। JMM नेतृत्व इस पूरे प्रकरण के लिए सीधे तौर पर RJD और तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
JMM के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से RJD पर “धोखाधड़ी” और “राजनीतिक धूर्तता” का आरोप लगाया है। उनका कहना है:
गठबंधन धर्म का उल्लंघन: JMM का आरोप है कि जब 2019 में झारखंड में RJD का सिर्फ एक विधायक था, तब भी हेमंत सोरेन ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए RJD को अपने कैबिनेट में मंत्री पद दिया।
बिहार में ‘अपमान’: इसके बदले में, जब JMM ने बिहार में ‘महागठबंधन’ के तहत सम्मानजनक सीटें मांगीं, तो RJD (जो बिहार में बड़े भाई की भूमिका में है) ने JMM को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
कांग्रेस पर भी निशाना: JMM ने कांग्रेस पर भी मूकदर्शक बने रहने और मध्यस्थता करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
Bihar Chunav: क्या झारखंड में गिरेगी गाज?
असली हंगामा इसी सवाल को लेकर मचा है। बिहार में मिले इस ‘धोखे’ के बाद JMM अब झारखंड में RJD और कांग्रेस के साथ अपने रिश्तों की “समीक्षा” करने की धमकी दे रही है।
Bihar Chunav: झारखंड में इस वक्त JMM, कांग्रेस और RJD की
मिलीजुली सरकार है। JMM के कड़े तेवर से यह स्पष्ट है कि अगर बिहार चुनाव के बाद भी यह कड़वाहट जारी रही, तो इसका सीधा असर झारखंड सरकार के भविष्य पर पड़ सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हेमंत सोरेन इस ‘अपमान’ का बदला झारखंड में RJD कोटे के मंत्री को हटाकर या कांग्रेस पर दबाव बढ़ाकर ले सकते हैं।
फिलहाल, इस पूरी लड़ाई ने बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की एकता की पोल खोल दी है और झारखंड में एक नए राजनीतिक संकट की नींव रख दी है।



