Patna: Bihar में पिछले दो सालों में पुलों के गिरने, ढहने और बहने की घटनाएं आम हो गई हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में यह चिंता जताई गई है कि राज्य में 12 पुल ध्वस्त हो चुके हैं.
[Bihar Bridge Collapse] SC plea filed for a comprehensive structural audit of Bihar’s bridges after recent collapses.
Read More at: https://t.co/paw5283qgl#BiharBridgeCollapse #SupremeCourt #InfrastructureSafety #BridgeAudit #PublicSafety pic.twitter.com/bZ9VDan2Qj
— LawChakra (@LawChakra) July 4, 2024
इस याचिका में पुलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई है.
Bihar में पिछले दो सालों में 12 पुल गिरे
याचिका में कहा गया है कि बिहार, जो बाढ़ प्रभावित राज्य यहां 68,800 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 फीसद भू-भाग भीषण बाढ़ की चपेट में आता है. इस याचिका में पिछले दो सालों में 12 पुलों के ढहने, बहने और निर्माणाधीन अवस्था में गिरने की घटनाओं का हवाला दिया गया है.
Bihar News: सरकारी निर्माण की मॉनिटरिंग की मांग
याचिका में बिहार सरकार, केंद्रीय सड़क परिवहन और उच्च पथ मंत्रालय, हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, पथ निर्माण और परिवहन मंत्रालय, पुल निर्माण निगम सहित कुल 6 पक्षकार बनाए गए हैं. याचिका में पुलों सहित सरकारी निर्माण की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक नीति और उसके परिपालन के लिए गाइडलाइन तैयार करने का आदेश देने की भी गुहार लगाई गई है.
यह भी पढ़े: Tejashwi Yadav ने दोनों डिप्टी सीएम के नाम लेकर लोगों से कर दी बड़ी अपील
आरजेडी ने उठाया सवाल
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गिर रहे पुलों पर कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा “4 जुलाई यानी आज सुबह बिहार में एक और पुल गिरा. कल 3 जुलाई को ही अकेले 5 पुल गिरे. 18 जून से लेकर अभी तक 12 पुल ध्वस्त हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन उपलब्धियों पर एकदम खामोश और निरुत्तर हैं
सोच रहे हैं कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगलराज में कैसे परिवर्तित करें?”
तेजस्वी यादव ने आगे कहा “सदैव भ्रष्टाचार, नैतिकता, सुशासन, जंगलराज, गुड गवर्नेस इत्यादि पर राग अलापने वाले कथित उच्च समझ के उच्च कार्यकर्ता और पत्रकार अब चुप हैं. इन सुशासनी कुकृत्यों पर सबने चुप्पी साध ली है.”
आरजेडी विधायक मुन्ना यादव का बयान
आरजेडी विधायक मुन्ना यादव ने कहा “एक महीने में 11 पुल गिरे हैं. कब और पुल गिर जाए पता नही करोड़ों के पुल गिर रहे हैं. यहां पर हादसा होता रहता है. बाढ़ की तैयारी की समीक्षा की जाए सरकार कुछ तैयारी नहीं कर रही है.”
बिहार में पुलों के गिरने की घटनाएं राज्य की बुनियादी ढांचे की गंभीर स्थिति को उजागर करती हैं इन घटनाओं ने न केवल जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि सरकारी निगरानी और निर्माण की गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका और आरजेडी के नेताओं के बयान इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ाते हैं. अब देखना होगा कि सरकार इस संकट का समाधान कैसे करती है और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाती है.