Patna: Alankrita Sakshi : बिहार की मिट्टी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यहां के लोग मेहनत और लगन के दम पर बड़े से बड़े सपने साकार कर सकते हैं।
भागलपुर जिले के छोटे से गांव सिमरा की रहने वाली अलंकृता साक्षी ने गूगल में 60 लाख रुपये का सालाना पैकेज हासिल कर पूरे बिहार का नाम रोशन किया है।
Alankrita Sakshi: छोटे गांव से शुरू हुआ सफर
अलंकृता साक्षी का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनका बचपन सिमरा गांव में बीता, लेकिन उनके पिता शंकर मिश्र की नौकरी झारखंड के कोडरमा में होने के कारण उनका परिवार वहीं रहने लगा। उनकी माता एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। प्राथमिक शिक्षा कोडरमा के एक स्कूल से पूरी करने के बाद, अलंकृता ने जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिला लिया। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर यहां शानदार प्रदर्शन किया और आगे की पढ़ाई के लिए बीटेक करने का फैसला किया।
Alankrita Sakshi: बीटेक के दौरान हुआ कैंपस प्लेसमेंट
अलंकृता ने हजारीबाग से बीटेक की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी का मौका मिला। लेकिन अलंकृता का सपना कुछ और बड़ा था।
गूगल में नौकरी का सपना
अलंकृता हमेशा से गूगल में काम करना चाहती थीं। अपनी नौकरी के साथ-साथ वे लगातार गूगल में अप्लाई करती रहीं। आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें गूगल से 60 लाख रुपये का शानदार पैकेज मिला। यह खबर सुनते ही उनके गांव, जिला और पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई।
बिहार की शान बनीं Alankrita Sakshi
अलंकृता साक्षी की सफलता केवल उनकी नहीं, बल्कि बिहार और झारखंड के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखता है। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि छोटे गांवों से निकलकर भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।