Bihar सरकार ने लाखों शिक्षकों के लंबे समय से प्रतीक्षित तबादले की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने सोमवार को नई स्थानांतरण नीति की जानकारी दी।
इस नीति के तहत बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा चयनित और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों का इसी वर्ष स्थानांतरण किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय निकायों के तहत पूर्व में नियुक्त शिक्षकों का तबादला नहीं होगा।
Bihar News: नीति की मुख्य बातें:
1. सक्षम शिक्षक होंगे शामिल: शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट किया कि केवल वे नियोजित शिक्षक जो सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, इस नीति के अंतर्गत आएंगे। इसके अलावा, बीपीएससी चयनित और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों को भी स्थानांतरण का लाभ मिलेगा।
2. ट्रांसफर प्रक्रिया का आरंभ: दिसंबर 2024 तक सभी पात्र शिक्षकों को उनके नए विद्यालयों में नियुक्त कर दिया जाएगा। आवेदन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और शिक्षकों से ट्रांसफर के लिए विकल्प मांगे जाएंगे।
3. पुरुष शिक्षकों के लिए नियम: पुरुष शिक्षकों को अपने अनुमंडल क्षेत्र के विद्यालयों में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी। इसके तहत मुख्यालय स्तर से ही सभी पात्र शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा।
4. वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता: शिक्षकों के तबादले के दौरान राज्य स्तरीय वरीयता को ध्यान में रखकर स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षक या उनके परिवार के सदस्य होने की स्थिति में उन्हें पसंदीदा जगह पर पोस्टिंग दी जा सकती है।
5. महिला शिक्षकों को विशेष प्राथमिकता: विधवा, तलाकशुदा, और सरकारी कर्मी के रूप में कार्यरत पति की पत्नी होने पर महिला शिक्षकों को भी उनके पसंदीदा स्थानों पर पोस्टिंग दी जाएगी।
6. अनिवार्य ट्रांसफर: प्रत्येक पांच साल में एक बार शिक्षकों का ट्रांसफर अनिवार्य होगा।
7. सॉफ्टवेयर आधारित ट्रांसफर: इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा। इसमें स्कूलों में छात्रों की संख्या, बुनियादी ढांचा और उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर पोस्टिंग सुनिश्चित की जाएगी।
8. अधिकतम विकल्प: शिक्षक अपने स्थानांतरण के लिए 10 तक स्थानों का विकल्प चुन सकते हैं।
बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लाखों शिक्षकों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित तबादले की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। सोमवार को बिहार सरकार ने शिक्षकों की नई स्थानांतरण नीति की घोषणा की। इस नीति के तहत, बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों का इस वर्ष के अंत तक ट्रांसफर किया जाएगा।
Bihar News: मुख्य विशेषताएँ:
1. केवल पात्र शिक्षकों का ट्रांसफर: शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट किया है कि जो नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे, वही इस स्थानांतरण नीति के तहत आएंगे। इसके साथ ही बीपीएससी से चयनित और पुराने वेतनमान वाले शिक्षक भी इसमें शामिल होंगे।
2. स्थानीय निकायों से नियुक्त शिक्षक: नई नीति के तहत स्थानीय निकायों से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों का तबादला नहीं होगा, जिससे पहले से नियुक्त शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
3. आवेदन प्रक्रिया जल्द: शिक्षकों से स्थानांतरण के लिए आवेदन जल्द ही लिए जाएंगे, और दिसंबर 2024 तक सभी पात्र शिक्षकों को नए स्कूलों में तैनात कर दिया जाएगा।
4. पुरुष शिक्षकों के लिए सीमाएँ: पुरुष शिक्षकों को अपने अनुमंडल क्षेत्र में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी, ताकि वे अपने गृह क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करें और शिक्षा व्यवस्था में संतुलन बना रहे।
5. सॉफ्टवेयर आधारित ट्रांसफर: शिक्षकों का तबादला सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात, आधारभूत संरचना और उपलब्ध रिक्तियों को ध्यान में रखा जाएगा।
6. वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता: शिक्षकों को तबादले के समय राज्य स्तरीय वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि योग्य शिक्षकों को उनकी मेहनत का लाभ मिल सके।
7. विशेष प्राथमिकता: गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर से पीड़ित शिक्षक या उनके परिवार के सदस्य को स्थानांतरण में वरीयता दी जाएगी। इसी तरह विधवा, तलाकशुदा और अन्य महिला शिक्षकों को भी पसंदीदा स्थानों पर पोस्टिंग का अवसर मिलेगा।
8. समान स्थानांतरण नीति: पति-पत्नी दोनों सरकारी सेवा में होने की स्थिति में, महिला शिक्षकों को उनके पति के पदस्थापन स्थल के आधार पर पोस्टिंग दी जाएगी।
9. अनिवार्य ट्रांसफर: प्रत्येक पांच साल में एक बार स्थानांतरण अनिवार्य किया गया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था में ताजगी और नवीनता बनी रहे।
10. अधिकतम 10 विकल्प: शिक्षक अपने स्थानांतरण के लिए अधिकतम 10 स्थानों का विकल्प दे सकते हैं, जिससे उनकी पसंद के अनुसार पोस्टिंग सुनिश्चित हो सके।
यह नई तबादला नीति शिक्षा व्यवस्था में सुधार और शिक्षकों की उचित नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का यह प्रयास राज्य में शिक्षा का स्तर उठाने में सहायक सिद्ध होगा।