Ranchi: केंद्र सरकार पर झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए के मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले का जे एम एम ने स्वागत किया है.
In a setback for mining companies, the #SupremeCourt asserted that its recent judgement granting states the power to #tax mineral rights and mineral-bearing land will apply retrospectively.
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— Mint (@livemint) August 14, 2024
SC ने राज्य की जनता के हित में फैसला सुनाया
जे एम एम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा है कि लंबे संघर्ष के बाद आज ये दिन आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की जनता के हित में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के प्रति वो आभार व्यक्त करते है. बकाया राशि को लेकर बार-बार केंद्र सरकार के पास गुहार लगाने के बावजूद भी उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगा.
इस फैसले से ना सिर्फ झारखंड , बल्कि दूसरे खनन वाले राज्यों को भी फायदा होगा
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य का हक अधिकार देने का काम किया है. विनोद पांडेय ने कहा कि शुरू से ही केंद्र सरकार राज्य के हिस्से का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया देने में आनाकानी कर रही थी. C M हेमंत सोरेन ने इस बकाए राशि को लेकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक से फरियाद लगाई थी. लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ झारखंड , बल्कि दूसरे खनन वाले राज्यों को भी फायदा होगा.
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अब राज्य खनन वाली कंपनियों पर टैक्स लगा पाएगी. बकाया राशि के भुगतान से राज्य की विकास योजनाओं को गति मिलेगी. राज्य की हेमंत सोरेन सरकार प्रदेश की जनता के लिए और भी कई नई कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ करने की ओर कदम बढ़ा पाएगी.
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