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सुप्रीम कोर्ट से केंद्र और माइनिंग कंपनी को बड़ा झटका, राज्यों के पास ही रहेगा खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने का अधिकार

एक अप्रैल 2005 के बाद से केंद्र, खनन कंपनियों से पिछला बकाया वसूल सकेंगे राज्य

Ranchi: केंद्र सरकार पर झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए के मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले का जे एम एम ने स्वागत किया है.

SC ने राज्य की जनता के हित में फैसला सुनाया

जे एम एम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा है कि लंबे संघर्ष के बाद आज ये दिन आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की जनता के हित में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के प्रति वो आभार व्यक्त करते है. बकाया राशि को लेकर बार-बार केंद्र सरकार के पास गुहार लगाने के बावजूद भी उनके कानों में जूं तक नहीं रेंगा.

इस फैसले से ना सिर्फ झारखंड , बल्कि दूसरे खनन वाले राज्यों को भी फायदा होगा

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य का हक अधिकार देने का काम किया है. विनोद पांडेय ने कहा कि शुरू से ही केंद्र सरकार राज्य के हिस्से का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया देने में आनाकानी कर रही थी. C M हेमंत सोरेन ने इस बकाए राशि को लेकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक से फरियाद लगाई थी. लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ना सिर्फ झारखंड , बल्कि दूसरे खनन वाले राज्यों को भी फायदा होगा.

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अब राज्य खनन वाली कंपनियों पर टैक्स लगा पाएगी. बकाया राशि के भुगतान से राज्य की विकास योजनाओं को गति मिलेगी. राज्य की हेमंत सोरेन सरकार प्रदेश की जनता के लिए और भी कई नई कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ करने की ओर कदम बढ़ा पाएगी.

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