पूर्व खेल मंत्री Bandhu Tirkey, आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आर.के. आनंद और कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक समेत 15 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पी.के. शर्मा की अदालत ने चार्जशीट दाखिल होने के नौ महीने बाद यह कदम उठाया।
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में 28.38 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप है। सीबीआई ने मार्च में बिना अभियोजन स्वीकृति के चार्जशीट दाखिल की थी, जिस कारण कोर्ट तुरंत संज्ञान नहीं ले सका। अब अदालत ने निगरानी से जुड़े सभी मामलों को चार्जशीट में शामिल करते हुए आरोपियों को समन जारी किया है। इनकी अदालत में उपस्थिति के लिए 15 जनवरी की तारीख तय की गई है।
Bandhu Tirkey: 12 साल बाद जांच को मिली गति
इस घोटाले के सिलसिले में 2010 में निगरानी कांड संख्या 49/2010 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, 12 साल बीत जाने के बावजूद जांच पूरी नहीं हो सकी। 2022 में झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान सीबीआई जांच का आदेश दिया। इसके बाद सीबीआई ने 25 अप्रैल 2022 को दो प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।
Bandhu Tirkey: मामला कैसे उजागर हुआ?
34वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन में अनियमितताओं की शिकायत तत्कालीन राज्यपाल से की गई थी। राज्यपाल ने इसकी गंभीरता को देखते हुए महालेखाकार को विशेष ऑडिट का निर्देश दिया। स्पेशल ऑडिट के दौरान यह सामने आया कि खेल सामग्री की खरीद बाजार दर से अधिक कीमत पर की गई थी। इसके अलावा अन्य वित्तीय गड़बड़ियां भी उजागर हुईं।
Bandhu Tirkey: इन पर हुआ कोर्ट का संज्ञान
सीबीआई की चार्जशीट में पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की, आयोजन समिति के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष आर.के. आनंद, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक, सचिव एस.एम. हाशमी, खेल निदेशक पी.सी. मिश्रा और 10 अन्य व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 120बी, 467, 468, 471 और 109 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अब इस मामले में सुनवाई आगे बढ़ने की उम्मीद है, जिससे झारखंड में खेल आयोजन से जुड़े घोटाले की परतें खुलने की संभावना है।
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